रूस-यूक्रेन संकट: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के कारण वैश्विक उर्वरक कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, जिससे आयात पर भारी निर्भरता के कारण भारत की आपूर्ति श्रृंखला पर काफी असर पड़ा है। नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस उर्वरकों के एक प्रमुख निर्यातक रूस ने आपूर्ति में व्यवधान का अनुभव किया है, जिससे भारत जैसे आयात करने वाले देशों की लागत बढ़ गई है
इस संकट के जवाब में, मोदी सरकार ने भारतीय किसानों को इन मूल्य वृद्धि के प्रभाव से बचाने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने किसानों को बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए 2022-23 में उर्वरक सब्सिडी के लिए 2.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इस रिकॉर्ड-उच्च आवंटन ने सुनिश्चित किया कि किसानों को अंतरराष्ट्रीय मूल्य वृद्धि का खामियाजा नहीं भुगतना पड़ेगा।