पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आत्मघाती हमले में पांच चीनी इंजीनियरों की मौत के बाद चीन पूरी तरह से सकते में आ गया है और चीन की बौखलाहट के कारण पाकिस्तान की बल्ले-बल्ले हो गई है.
यानी इस आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ चीनी दूतावास से मिलने के लिए चीनी दूतावास पहुंचे. आमतौर पर किसी भी देश का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति अपने ही देश में किसी दूसरे देश के दूतावास में इस तरह नहीं जाते. अगर कोई घटना घटती भी है तो सरकार की ओर से कोई मंत्री दूसरे देश के दूतावास में जाता है या जो उस देश के राजदूत को सरकार से मिलने के लिए बुलाता है.
शाहबाज शरीफ के चीनी दूतावास पहुंचने से पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी चीनी राजदूत से मिलने पहुंचे और राजदूत को घटना की जानकारी दी.
इस हमले से पाकिस्तान दबाव में आ गया है. भले ही पाकिस्तान खुद को चीन का दोस्त होने का दावा करता हो, लेकिन हकीकत ये है कि पाकिस्तान चीन के सामने झुक गया है और इसी वजह से आत्मघाती हमले के बाद शाहबाज शरीफ चीनी दूतावास पहुंचे. इस इंटरव्यू के वायरल वीडियो में शरीफ के चेहरे पर तनाव साफ देखा जा सकता है.
चीन की नाराजगी इस वक्त पाकिस्तान के लिए बर्दाश्त से बाहर है और दूसरी तरफ आतंकी हमले रुक नहीं रहे हैं, जबकि चीनी कंपनियों की ओर से काम करने वाले चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए 4000 सैनिक खास तौर पर रखे गए हैं. 2021 में भी ऐसे ही एक हमले में नौ चीनी नागरिक मारे गए थे.
कल हुए आत्मघाती हमले के बाद चीन ने फिर पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया है.