सुरों के रंग लता के संग में गूंजे सदाबहार नगमे

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जयपुर, 29 सितंबर (हि.स.)। किसी का प्यार लेके तुम नया जहाँ बसाओगे, ये शाम जब भी आएगी तुम हमको याद आओगे। ऐसी ही एक यादगार शाम का नजारा सुरीले नगमों से सजी महफिल में देखने को मिला। सुकून आर्ट एंड म्यूजिक एकेडमी की ओर से रविवार को रिद्धी सिद्धी सर्किल स्थित श्द पार्क क्लासिक होटल में ‘सुरों के रंग, लता के संग’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अस्मिता ने गणेश वंदना पर नाट्य प्रस्तुति देकर की। म्यूजिकल प्रोग्राम में तीस से अधिक प्रतिभागियों ने लता मंगेशकर के गीत गाए।

लता के गीतों के साथ-साथ कलाकारों ने अन्य कई लेजेंड गायकों के गीतों को गुनगुनाया और शाम को और रंगीन बनाया। कार्यक्रम की अतिथि अपर्णा वाजपेयी ने महलों का राजा मिला । गीत से महफिल सजाई। सोलो परफॉर्मेंस में राकेश श्रीवास्तव ने आंखें खुली हो या हो बंद, दीदार उनका होता है, अतुल माथुर ने चंदन सा बदन, चंचल चितवन, एस.डी माथुर ने मैं एक राजा हूं और कीर्ति माथुर ने तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा गीत गाकर माहौल को सुरमयी बनाया। ईश्वर माथुर व एस.डी माथुर ने इमली का बूटा बेरी के बेर गीत पर डुएट परफॉर्मेंस दी। इसके अलावा डॉ. डॉली व सुनील ने तुम आ गए हो नूर आ गया है, अतुल व रीता ने हाल कैसा है जनाब का, प्रमोद व बबीता ने याद किया दिल ने कहां हो तुम, जितेंद्र व हेमलता ने देखो मौसम क्या बहार है गीत पर प्रस्तुति दी। जितेंद्र नाग ने मंच संचालन किया।

एकेडमी की डायरेक्टर नीरा राजबंशी ने बताया कि म्यूजिकल प्रोग्राम के माध्यम से सभी कलाकारों ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को सुरमयी श्रद्धांजलि दी है और सभी कलाकारों ने अपने गीतों से लता मंगेशकर के जन्मदिन को खास बनाने का प्रयास किया है। कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि गौरक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह कुमावत मौजूद रहे।