19 साल पहले भी भारत को इंडिया बनाने की मांग उठी

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने बीजेपी को हराने के लिए एक गठबंधन बनाया है, जिसे भारत का नाम दिया गया है. हाल ही में देश का नाम बदलने की अफवाहों को तब हवा मिली जब जी20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज में भेजे गए निमंत्रण की जगह ‘भारत के राष्ट्रपति’ लिख दिया गया. फिलहाल विपक्ष लगातार इसका विरोध करता नजर आ रहा है. फिलहाल ये पहली बार नहीं है जब देश का नाम बदलने की कोशिश की जा रही है. ऐसी ही कोशिश एक बार पहले भी की गई थी.

विधान सभा में भारत का नाम बदलने का प्रस्ताव लाए

दरअसल, आज हमारे पास समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बात हो रही है मुलायम सिंह यादव की. जो आज से करीब 20 साल पहले 2004 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में भारत का नाम बदलने का प्रस्ताव लाए थे. उस समय मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश विधान सभा में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव लाए और इसे सर्वसम्मति से पारित करा लिया.

मुलायम सिंह देश का नाम बदलना चाहते थे

वह भारतीय संविधान के भाग 1 के अनुच्छेद 1 (संघ और क्षेत्रों का नाम) में भारत के स्थान पर भारत ते इंडिया करने के लिए संविधान में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव रखते हुए मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के समक्ष प्रस्तुत कर रहे थे। सदन की कार्यवाही में उन्होंने कहा कि ‘मैं कहना चाहता हूं कि संविधान में जहां ‘भारत इज इंडिया’ लिखा है, वहां ‘भारत इज इंडिया’ लिखा जाना चाहिए, लेकिन आज तक वे इसके लिए तैयार नहीं हैं. मैं संसदीय कार्य में व्यस्त हूं. मैं मंत्री से यहां प्रस्ताव लाने के लिए कहूंगा।’

इसे विधानसभा में पारित कर संसद में भेजा जाना चाहिए, इसमें आपत्ति क्या है? ‘इंडिया इज इंडिया’ होना चाहिए. मेरा प्रस्ताव है कि माननीय उप सभापति जी, आइए हम प्रस्ताव रखें। संशोधन करें कि संविधान में जहां भी ‘भारत इज इंडिया’ लिखा है, वहां भारत इज इंडिया है. यदि अनुमति मिल जाये. यह प्रस्ताव होना चाहिए। क्या इसे सर्वसम्मति से पारित होना चाहिए?

यूपी विधानसभा में प्रस्ताव पास हो गया

बता दें कि साल 2004 में हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी कहा था कि वह देश का नाम बदलकर इंडिया से इंडिया कर देगी. इसके लिए चुनावी घोषणापत्र में देश का नाम बदलने के लिए संविधान संशोधन की बात कही गई थी. जिसे सरकार बनने के बाद 3 अगस्त 2004 को मुलायम सिंह ने विधानसभा में पेश किया था। देश का नाम बदलने का प्रस्ताव सदन में पेश होने के बाद सर्वसम्मति से पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया.

 

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