Entertainment News : सांवली और दुबली थी प्रियंका स्मिता जयकर ने क्यों कहा था ‘ये कैसे हीरोइन बनेगी’, आज खोले अनसुने राज़

Entertainment News : सांवली और दुबली थी प्रियंका स्मिता जयकर ने क्यों कहा था  'ये कैसे हीरोइन बनेगी', आज खोले अनसुने राज़
Entertainment News : सांवली और दुबली थी प्रियंका स्मिता जयकर ने क्यों कहा था ‘ये कैसे हीरोइन बनेगी’, आज खोले अनसुने राज़

News India Live, Digital Desk: Entertainment News : बॉलीवुड में अक्सर एक ‘खूबसूरती का पैमाना’ चला आ रहा है, जहाँ हीरोइन को लेकर एक तय छवि होती है। गोरा रंग, खास फिगर और एक ‘नायिका’ जैसा अंदाज़… इन्हीं चीज़ों पर लोग जज करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक पुरानी जनरेशन की अभिनेत्री, आज की एक ग्लोबल स्टार को पहली बार देखे और उनके मन में कैसा विचार आया होगा? हाल ही में ऐसी ही एक दिल छू लेने वाली और हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई है, जो खुद बॉलीवुड की वेटरन एक्ट्रेस स्मिता जयकर ने सुनाई है, जब उन्होंने पहली बार प्रियंका चोपड़ा को देखा था।

स्मिता जयकर, जिन्होंने कई दशकों तक हिंदी सिनेमा में काम किया है, ने अपनी शुरुआत के दिनों में प्रियंका चोपड़ा को देखकर जो महसूस किया, वो साझा किया। स्मिता ने माना कि उस वक्त इंडस्ट्री की ‘conventional’ image (परंपरागत छवि) के हिसाब से, उनके मन में ये सवाल तुरंत आया था: “ये दुबली-पतली, साँवली-सी दिखने वाली लड़की आखिर कैसे हीरोइन बन सकती है?” उनका मतलब था कि प्रियंका का लुक उस समय की ग्लैमर इंडस्ट्री के हीरोइन के इमेज से थोड़ा अलग था। उन्हें शायद लगा कि प्रियंका उस स्थापित ‘सांचे’ में फिट नहीं बैठती हैं, जो एक लीड एक्ट्रेस के लिए दशकों से बना हुआ था।

पर वक्त का खेल देखिए! यही ‘दुबली-पतली और साँवली सी’ दिखने वाली प्रियंका चोपड़ा कुछ सालों बाद सिर्फ एक बॉलीवुड सुपरस्टार ही नहीं, बल्कि एक इंटरनेशनल आइकन बन गईं। उन्होंने भारत में तो अपना सिक्का जमाया ही, बल्कि हॉलीवुड तक छलांग लगाई और आज दुनिया उन्हें ‘ग्लोबल आइकन’ के रूप में जानती है। प्रियंका ने अपनी कड़ी मेहनत, बेमिसाल टैलेंट और खुद पर अटूट विश्वास से ये साबित कर दिया कि हुनर किसी रंग या रूप का मोहताज नहीं होता।

आज जब स्मिता जयकर उस वाकये को याद करती हैं, तो वो कहती हैं कि “मैं कैसे गलत थी!”। उनका नज़रिया पूरी तरह बदल चुका है। स्मिता ने बताया कि प्रियंका की जर्नी और उनका जबरदस्त ट्रांसफॉर्मेशन किसी जादू से कम नहीं है, जिसने उनके लिए ‘खूबसूरती’ और ‘टैलेंट’ के मायने हमेशा के लिए बदल दिए।

स्मिता जयकर का यह ईमानदार और दिल छू लेने वाला खुलासा बताता है कि भारतीय सिनेमा हमेशा से उन कलाकारों को गले लगाता रहा है, जिनमें जुनून और टैलेंट हो, भले ही वे ‘सेट पैमानों’ पर खरे न उतरें। प्रियंका चोपड़ा ने दिखा दिया कि खुद पर भरोसा, मेहनत और हर आलोचना को पीछे छोड़ आगे बढ़ने की हिम्मत ही असली सफलता है, जो किसी भी बाहरी पैमाने से बड़ी होती है।

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