
News India Live, Digital Desk: Employee Pension Scheme : आपके भविष्य की सुरक्षा और बुढ़ापे का सहारा – EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन)। करोड़ों नौकरीपेशा लोगों के लिए यह एक उम्मीद है। अभी तक पीएफ पेंशन (EPS ’95) को लेकर कई तरह की शर्तें और सीमाएं थीं, जिससे कई लोगों को अपनी मेहनत के अनुपात में पेंशन नहीं मिल पाती थी। लेकिन अब आपके लिए एक बहुत बड़ी और राहत भरी खबर है! 2025 से (और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों के बाद), EPFO के पेंशन नियमों में ऐसे बदलाव आ रहे हैं, जिनसे आपकी पेंशन कई गुना बढ़ सकती है! अब ये सिर्फ कागज़ी बदलाव नहीं, बल्कि लाखों कर्मचारियों की ज़िंदगी में एक बड़ा आर्थिक बदलाव लाने वाले हैं।
EPFO के नियम 2025: अब कितनी मिलेगी पेंशन?
अभी तक जो लोग पेंशन योजना (EPS ’95) में सिर्फ 15,000 रुपये तक की अधिकतम वेतन सीमा (salary cap) पर योगदान दे पाते थे, उनके लिए ये खबर बेहद महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के 2022 के फैसले के बाद और EPFO द्वारा जारी स्पष्टीकरणों के अनुसार, अब पात्र कर्मचारी अपनी ‘वास्तविक’ (actual) सैलरी के आधार पर ज़्यादा पेंशन पा सकते हैं।
इसका मतलब ये है कि अब आपकी पेंशन केवल 15,000 रुपये की सीमा पर कैलकुलेट नहीं होगी, बल्कि आपकी पूरी ‘पेंशन योग्य सैलरी’ (Pensionable Salary) पर होगी। इससे आपकी मासिक पेंशन में भारी उछाल आएगा, जो आपकी रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी को सुरक्षित और आरामदायक बनाएगा।
कौन लोग होंगे इस नई पेंशन के हकदार?
इस उच्च पेंशन योजना का लाभ हर कोई नहीं ले पाएगा, इसके लिए कुछ खास शर्तें हैं:
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सितंबर 2014 से पहले के सदस्य: ये सुविधा उन कर्मचारियों के लिए है जो 1 सितंबर 2014 से पहले EPFO में शामिल हुए थे और जिन्होंने भविष्य निधि (PF) में 15,000 रुपये की मासिक वेतन सीमा से ज़्यादा राशि का योगदान किया है।
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ज़्यादा योगदान: ऐसे सदस्य जिन्होंने अपने PF में हमेशा वेतन सीमा से ज़्यादा योगदान दिया है, वे इसके पात्र होंगे।
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उच्च पेंशन का विकल्प पहले चुना हो: कुछ ऐसे सदस्य भी, जिन्होंने 2014 के संशोधन से पहले उच्च पेंशन का विकल्प चुना था, लेकिन बाद में उनसे विकल्प वापस ले लिया गया था। वे अब दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
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सेवा का लाभ: जिनकी नौकरी 10 साल से ज़्यादा की हो चुकी है और जो 58 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं, वे इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।
पेंशन कैसे कैलकुलेट होगी? (अब समझें गणित):
अब आपकी पेंशन का कैलकुलेशन पहले की तरह सिर्फ 15,000 रुपये पर नहीं, बल्कि आपकी नौकरी के आखिरी 60 महीनों के औसत वेतन (या वास्तविक वेतन, यदि 15,000 से अधिक है) के आधार पर होगा।
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सूत्र: पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी * सर्विस के साल) / 70
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उदाहरण: अगर आपकी पेंशन योग्य सैलरी ₹50,000 है और आपने 30 साल काम किया है, तो पेंशन: (50,000 * 30) / 70 = ₹21,428 प्रति माह। (जबकि पुरानी व्यवस्था में यह ₹15,000 पर लगभग ₹6,428 होती)
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नॉर्मल पेंशन पाने के लिए क्या शर्तें हैं?
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कम से कम 10 साल की सेवा: किसी भी सदस्य को मासिक पेंशन तब मिलती है, जब उसने 10 साल तक EPFO में सक्रिय योगदान दिया हो।
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58 साल की उम्र: पेंशन 58 साल की उम्र के बाद ही शुरू होती है। अगर आप 50-57 की उम्र में ही सेवा से अलग हो गए और कम से कम 10 साल की सेवा पूरी की है, तो आप ‘कम की गई पेंशन’ (reduced pension) के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जिसे आप 58 की उम्र के बाद शुरू कर सकते हैं।
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9.5 साल की सेवा को माना जाता है 10 साल: अगर किसी सदस्य ने 9 साल 6 महीने की सेवा पूरी कर ली है, तो उसे भी 10 साल की सेवा ही माना जाता है।
क्या होगा अगर 10 साल से पहले नौकरी छोड़ दी?
अगर आपकी सर्विस 10 साल से कम है और आप 58 साल से पहले नौकरी छोड़ देते हैं, तो आपको मंथली पेंशन नहीं मिलती। ऐसे में आप ‘कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम 1952’ के पैरा 68 B और पैरा 69 के तहत अपने खाते में जमा राशि निकालने के लिए योग्य होते हैं। इसके लिए आपको ‘फॉर्म 19’ और ‘फॉर्म 10C’ भरना होगा।
नए कर्मचारियों का क्या? (जो 2014 के बाद जॉइन हुए):
जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 को या उसके बाद EPS से जुड़े हैं, उनके लिए मासिक पेंशन की गणना 15,000 रुपये के वेतन कैप पर ही होगी, भले ही उनकी सैलरी ज़्यादा हो।