
News India Live, Digital Desk: EMI Calculation : घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, और इस सपने को पूरा करने में होम लोन एक बहुत बड़ा सहारा होता है। लेकिन होम लोन लेते समय सबसे बड़ा सवाल जो हमारे मन में आता है, वो है कि ‘कितनी EMI बनेगी?’ EMI (Equated Monthly Installment) यानी हर महीने आपको बैंक को कितना पैसा चुकाना होगा, यह जानना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इसी से आपके महीने के बजट पर असर पड़ता है।
यह सिर्फ एक गणित नहीं, बल्कि आपके भविष्य की वित्तीय योजना का हिस्सा है। HR Breaking News के एक लेख के अनुसार, आइए समझते हैं कि होम लोन लेते समय आपकी EMI कैसे तय होती है, और कुछ उदाहरणों से जानते हैं कि कितनी EMI बन सकती है।
EMI किन बातों पर निर्भर करती है?
आपकी EMI मुख्य रूप से तीन बातों पर निर्भर करती है:
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लोन की राशि (Principal Amount): आप बैंक से कितना पैसा ले रहे हैं। जितनी ज़्यादा राशि, उतनी ज़्यादा EMI।
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ब्याज दर (Interest Rate): बैंक आपसे लोन पर कितना ब्याज ले रहा है। ब्याज दर ज़्यादा होने पर EMI भी ज़्यादा होगी।
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लोन की अवधि (Tenure/Loan Period): आप कितने सालों में लोन चुकाना चाहते हैं। अवधि जितनी लंबी होगी, EMI उतनी कम होगी, लेकिन कुल ब्याज ज़्यादा चुकाना होगा। वहीं, अवधि छोटी होने पर EMI ज़्यादा होगी, लेकिन कुल ब्याज कम चुकाना होगा।
उदाहरण से समझें आपकी EMI (उदाहरण: ₹50 लाख का होम लोन):
मान लीजिए आपने ₹50 लाख का होम लोन लिया है। आइए विभिन्न ब्याज दरों और अवधियों पर EMI की गणना करते हैं:
उदाहरण 1: 8.50% की ब्याज दर पर
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20 साल की अवधि के लिए:
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EMI: ₹43,391 रुपये
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कुल ब्याज: ₹54,13,840 रुपये (लोन की राशि से भी ज़्यादा ब्याज!)
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कुल भुगतान: ₹1,04,13,840 रुपये
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15 साल की अवधि के लिए:
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EMI: ₹49,271 रुपये
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कुल ब्याज: ₹38,68,760 रुपये
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कुल भुगतान: ₹88,68,760 रुपये
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10 साल की अवधि के लिए:
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EMI: ₹61,905 रुपये
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कुल ब्याज: ₹24,28,600 रुपये
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कुल भुगतान: ₹74,28,600 रुपये
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क्या सीख मिलती है इन उदाहरणों से?
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अवधि का खेल: आप देख सकते हैं कि लोन की अवधि कम करने पर EMI बढ़ जाती है, लेकिन कुल मिलाकर चुकाया गया ब्याज बहुत कम हो जाता है। 20 साल बनाम 10 साल में कुल ब्याज का अंतर लगभग ₹30 लाख रुपये का है!
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ब्याज दर का महत्व: भले ही ब्याज दर में आधा प्रतिशत का अंतर लगे, लंबी अवधि में यह लाखों रुपये का फर्क डाल सकता है।
लोन लेते समय कुछ ज़रूरी बातें:
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अपनी क्षमता आंकें: EMI उतनी ही रखें जितनी आप आसानी से हर महीने चुका सकें। आपकी कुल मासिक आय का 30-40% से ज़्यादा EMI में नहीं जाना चाहिए।
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प्री-पेमेंट का विचार करें: जब भी अतिरिक्त पैसा हो, लोन का कुछ हिस्सा प्री-पेमेंट कर दें। इससे आपकी EMI कम हो सकती है या लोन की अवधि कम हो सकती है, और ब्याज की बचत होगी।
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EMI कैलकुलेटर का उपयोग करें: बैंक की वेबसाइट पर या ऑनलाइन कई EMI कैलकुलेटर उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग करके आप खुद अपनी संभावित EMI की गणना कर सकते हैं।
होम लोन एक लंबी प्रतिबद्धता है, इसलिए इसे लेने से पहले अच्छे से रिसर्च करें, अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करें और सभी पहलुओं को समझें। एक सही EMI आपके घर के सपने को बिना किसी तनाव के पूरा करने में मदद करेगी।
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