डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दांव, अब अमेरिका में महंगा होगा भारत का बासमती चावल?

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News India Live, Digital Desk : अमेरिका की राजनीति में डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी ने दुनिया भर के बाज़ारों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। हाल ही में ट्रम्प ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिससे भारत समेत कई बड़े देशों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं। बात बहुत सीधी लेकिन गंभीर है ट्रम्प चाहते हैं कि अमेरिका के किसानों को खुशहाल रखा जाए, लेकिन इसका खर्च वो दूसरे देशों से वसूले गए 'टैरिफ' यानी आयात कर (Import Tax) से निकालना चाहते हैं।

चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर मामला क्या है और इससे हमारे देश, ख़ासकर हमारे चावल निर्यात (Rice Exports) पर क्या असर पड़ सकता है।

किसानों को पैसा और दूसरों पर टैक्स: ट्रम्प का 'मास्टरस्ट्रोक'

ट्रम्प ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर कोई देश, चाहे वो चीन हो या भारत, अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोशिश करेगा या अपनी करेंसी चलाएगा (जैसे कि BRICS देश सोच रहे हैं), तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी इशारा दिया है कि टैरिफ से होने वाली कमाई का इस्तेमाल वो अपने अमेरिकी किसानों, मैन्युफैक्चरर्स और पर्यटन को बढ़ावा देने में करेंगे।

मतलब साफ है, अगर भारत या मैक्सिको जैसा कोई भी देश अपना सामान अमेरिका बेचना चाहेगा, तो उसे भारी टैक्स देना पड़ सकता है। और वही पैसा ट्रम्प अपने वोट बैंक यानी अमेरिकी किसानों की जेब में डालेंगे।

भारत के चावल पर क्यों है खतरा?

अब बात करते हैं अपने मतलब की। ट्रम्प ने खास तौर पर मेक्सिको, कनाडा और चीन का नाम तो लिया ही है, लेकिन उनकी बातों से साफ है कि भारत भी इस लपेटे में आ सकता है। हाल ही में ट्रम्प ने एक पुराने वाकये का जिक्र किया था जहाँ उन्होंने "इंडियन राइस इम्पोर्ट्स" (Indian Rice Imports) का नाम लिया था।

भारत अमेरिका को भारी मात्रा में बासमती और नॉन-बासमती चावल बेचता है। अगर ट्रम्प ने अपने कहे अनुसार टैरिफ बढ़ा दिए, तो अमेरिका में भारतीय चावल महंगा हो जाएगा। अगर वहां हमारा चावल महंगा हुआ, तो वहां के लोग इसे खरीदना कम कर सकते हैं, जिससे सीधा नुकसान हमारे किसानों और एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारियों को होगा। यह एक तरह का ट्रेड वार (Trade War) है जिसकी आहट सुनाई देने लगी है।

BRICS देशों को खुली चुनौती

आपको याद होगा कि BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देश आपस में एक नई करेंसी या डॉलर के अलावा किसी और तरीके से व्यापार करने की सोच रहे थे। ट्रम्प ने इस पर बहुत सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर इन देशों ने डॉलर को छोड़ने की कोशिश की, तो अमेरिका इनके सामानों पर 100% तक का टैरिफ लगा देगा।

इसका मतलब है कि अगर हम डॉलर के अलावा किसी और करेंसी में धंधा करने की सोचेंगे, तो अमेरिका के दरवाजे हमारे सामान के लिए लगभग बंद हो सकते हैं। ट्रम्प का मंत्र वही पुराना है "अमेरिका फर्स्ट"।

आगे क्या होगा?

अभी यह देखना बाकी है कि ट्रम्प जनवरी में सत्ता संभालने के बाद वास्तव में कितना सख्त कदम उठाते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि आने वाले दिन ग्लोबल ट्रेड के लिए आसान नहीं होने वाले हैं। अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के धंधे में हैं, तो आपको Donald Trump tariff policies impact on India जैसी खबरों पर लगातार नजर रखनी होगी।

फिलहाल, यह समझना जरूरी है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं है, बल्कि आने वाले आर्थिक बदलावों का संकेत है जो सीधे हमारी थाली और जेब पर असर डाल सकता है।

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