
आजकल हम देख रहे हैं कि दुनिया में कहीं भी तनाव या अनिश्चितता का माहौल बन सकता है, जैसे कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की खबरें। ऐसे समय में यह सोचना बहुत ज़रूरी हो जाता है कि क्या हमने ऐसी किसी भी आपात स्थिति के लिए पहले से कोई तैयारी की है? क्योंकि चाहे लड़ाई का माहौल हो, कोई कुदरती आफत आ जाए या फिर कोई बड़ा साइबर हमला हो जाए, अपनी निजी सुरक्षा और भविष्य के लिए अपने सभी महत्वपूर्ण कागज़ातों को किसी सुरक्षित जगह पर रखना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। और यहीं पर डिजिलॉकर हमारे बहुत काम आता है!
सोचिए, आप अपने पैन कार्ड, आधार नंबर, बैंक की पासबुक, बीमा पॉलिसी और यहाँ तक कि अपनी ज़मीन-जायदाद के कागज़ात भी डिजिलॉकर में रखकर एकदम टेंशन-फ्री हो सकते हैं। फिर न तो इनके खोने का डर रहेगा और न ही कहीं गिरकर खराब होने की चिंता।
आखिर ये डिजिलॉकर है क्या बला?
सीधे शब्दों में कहें तो, डिजिलॉकर हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा बनाया गया एक तरह का ऑनलाइन लॉकर (क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म) है। यह भारत के हर नागरिक को अपने सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों के डिजिटल रूप को एक जगह सहेज कर रखने और ज़रूरत पड़ने पर आसानी से इस्तेमाल करने की सुविधा देता है। यह आपके आधार नंबर से जुड़ा होता है और इसका इस्तेमाल न सिर्फ कागज़ातों को स्टोर करने, बल्कि उनकी पहचान साबित करने (प्रमाणीकरण) के लिए भी किया जा सकता है। पैन कार्ड, वोटर आईडी, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और यहाँ तक कि आपकी यूनिवर्सिटी की डिग्री भी, सब कुछ इसमें सुरक्षित रखा जा सकता है।
आप अपने सभी ज़रूरी कागज़ात डिजिलॉकर में रख सकते हैं। यह एक सुरक्षित डिजिटल तिजोरी की तरह काम करता है, जिससे आपको हर जगह असली कागज़ों की फाइलें लेकर घूमने की ज़रूरत नहीं पड़ती। और तो और, अगर कोई सरकारी विभाग इस प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ है, तो वो आपके दस्तावेज़ सीधे आपके डिजिलॉकर में ही जारी कर सकता है। इसका मतलब है कि आपको इन दस्तावेज़ों को खुद स्कैन करके अपलोड करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी!
डिजिलॉकर इतना ज़रूरी क्यों है, खासकर मुश्किल समय में?
किसी भी मुश्किल हालात, जैसे कि युद्ध, भूकंप या बड़े पैमाने पर होने वाले साइबर हमलों के दौरान डिजिलॉकर की ज़रूरत और भी ज़्यादा बढ़ जाती है। ज़रा सोचिए, किसी आपातकालीन स्थिति में अगर आपको अचानक अपना घर या इलाका खाली करना पड़े, तो उस हड़बड़ी में सभी ज़रूरी कागज़ात ढूंढना और उन्हें साथ लेकर निकलना कितना मुश्किल काम हो सकता है। लेकिन अगर आप डिजिलॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको बिल्कुल भी परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। आप सिर्फ इंटरनेट और अपने सुरक्षित लॉगिन की मदद से दुनिया के किसी भी कोने से अपने सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
क्या ये कानूनी तौर पर मान्य हैं और कितने सुरक्षित हैं?
एकदम! डिजिलॉकर में रखी गई फाइलें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अनुसार पूरी तरह से कानूनी तौर पर मान्य हैं। सभी सरकारी विभाग और संस्थाएं इन्हें असली कागज़ातों के बराबर ही वैध सबूत के तौर पर स्वीकार करती हैं।
कैसे खोलें अपना डिजिलॉकर खाता? बहुत आसान है!
डिजिलॉकर में अपना खाता खोलने के लिए आपको बस दो चीज़ों की ज़रूरत है: आपका मोबाइल नंबर और आपका आधार कार्ड। आप सरकारी वेबसाइट या डिजिलॉकर के मोबाइल ऐप से आसानी से रजिस्टर कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद, आप अपने ज़रूरी दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई कॉपी अपलोड कर सकते हैं या फिर सरकार द्वारा जारी किए गए डिजिटल सर्टिफिकेट सीधे अपने लॉकर में मंगवा सकते हैं। तो, आज ही अपना डिजिलॉकर अकाउंट बनाएं और अपने कीमती दस्तावेज़ों को सुरक्षित करें!