हनुमानजी के इस प्रसिद्ध मंदिर से प्रसाद घर नहीं ला सकते भक्त, जानिए क्यों है ऐसी मान्यता?

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्ताह का हर समय किसी न किसी देवता को समर्पित है। वहीं शनिवार को हनुमानजी का दिन कहा जाता है हिंदू धर्म में शनिवार के दिन भगवान हनुमान और शनिदेव की पूजा करने का बहुत महत्व है। आज हम आपको हनुमानजी के पौराणिक मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की महिमा के बारे में बताने जा रहे हैं।

यह मंदिर राजस्थान के सिकराय में स्थित है, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां हनुमान जी के दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही इस मंदिर में प्रसाद लेना और घर लाना भी मना है। आइए जानें कि हम मंदिर का प्रसाद घर क्यों नहीं ला सकते, आइए जानते हैं इसकी महिमा।       

प्रसाद को घर क्यों नहीं लाया जा सकता?

मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर दौसा की दो पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस मंदिर के अंदर बालाजी हनुमान और भैरवनाथ विराजमान हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में पूजा करने से भूत-प्रेत जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। और इस वजह से कोई भी यहां रखा प्रसाद या कोई भी खाने-पीने का सामान घर नहीं ले जा सकता है। इस मंदिर में केवल प्रसाद ही चढ़ाया जा सकता है और प्रसाद हम खा भी नहीं सकते। मान्यता के अनुसार अगर गलती से भी इस मंदिर का प्रसाद या अन्य सामान घर लाया जाए तो हम भूत-प्रेत का शिकार हो सकते हैं।     

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में कुछ विशेष जानकारी

  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमानजी बाल रूप में विराजमान हैं। उनके सामने भगवान राम और माता सीता विराजमान हैं। 
  • इस मंदिर में जाने से पहले आठ दिनों तक प्याज, लहसुन, नॉनवेज और शराब खाना बंद करना पड़ता है। 
  • मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के बाद भगवान राम और माता सीता के दर्शन अवश्य करें।
  • यदि मंदिर में आरती के समय पीछे से कोई आवाज सुनाई दे तो गलती से भी आवाज की दिशा में पीछे या बगल में नहीं देखना चाहिए। 
  • मेहंदीपुर बालाजी की आरती के समय आपको केवल आरती में ही लीन रहना चाहिए और केवल भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।