भोपाल : कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने हज यात्रियों से ली जाने वाली किराया राशि में वृद्धि पर नाराजगी जताई है। उन्हाेंने इसे हज यात्रियों के साथ सरकार का धोखा बताते हुए राशि कम करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मप्र राज्य हज कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा देने की बात कही है।
भोपाल की मध्य विधानसभा क्षेत्र से विधायक और मप्र राज्य हज कमेटी सदस्य आरिफ मसूद ने कहा है कि हज उड़ान शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन केंद्रीय हज कमेटी ने हज का किराया बढ़ाकर हज यात्रियों का किराया बढ़ा दिया है। किराये में पचास हजार से एक लाख रुपये तक का अंतर है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले भोपाल से जाने वाले यात्रियों की राशि में 15 हजार का अंतर बढ़कर 68 हजार रुपये हो गया है, जबकि इंदौर का 53 से 55 हजार रुपये है।
विधायक मसूद ने कहा कि हजयात्रा में भी राजनीति होने लगी है। उन्होने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाया है कि कर्नाटक चुनाव हैं, वहां सबसे कम हाजियों से पैसे लिए जा रहे हैं। ये भाजपा का दोहरा चरित्र उजागर करता है। केंद्रीय हज कमेटी द्वारा हज यात्रियों के किराए को लेकर जारी आदेश देश के तीर्थ यात्रियों के साथ साजिश है। मुंबई से हज यात्रा पर जाने पर लगभग 10 से 15 हजार रुपये का अंतर था लेकिन अब अंतर बढक़र 68 हजार रुपये से अधिक है। मसूद का आरोप है कि हज कमेटी के अध्यक्ष कुट्टी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समस्या को लेकर दिलचस्पी नहीं ले रहे। उन्होंने कहा कि हाजियों का लगने वाला किराया कम होना चाहिए। यदि दो दिनों में हज यात्रियों के बढ़े हुए किराये के आदेश को वापस नहीं लिया जाता है तो वे राज्य हज कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।