रांची, 23 अगस्त (हि.स.)। पदमश्री सह पूर्व सांसद डा. रामदयाल मुंडा की जयंती प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में मनायी गयी। इस अवसर पर कांग्रेस नेताओं ने डा. मुण्डा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें झारखंड का सांस्कृतिक विभूति बताया।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नाची से बांची को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाने वाले डा. मुंडा ने झारखंड की संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाया। उन्होंने कला, शिक्षा और जनजातीय भाषा के विकास और संरक्षण के लिए जीवन पर्यन्त काम किया। उनकी सोच और यादें झारखंडी समाज को नई दिशा देती है। डा. मुंडा बहुआयामी व्यक्तित्व एवं लोक संस्कृति के नायक थे। राजनीति, कला, संस्कृति और समाज के प्रति समर्पित सोच वाले थे। उन्होंने झारखंड के मूल सवाल जल,जंगल,पहचान,भाषा और संस्कृति पर आजीवन काम किया। झारखंड के उत्थान में इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि डॉ मुंडा ने जब रांची विश्वविद्यालय में जनजातीय भाषा विभाग का कार्यभार संभाला। उसके बाद राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय जगत पर यहां की भाषा-संस्कृति को पहचान मिली। अलग राज्य की मांग के लिए इनके दिशा निर्देशानुसार साहित्यकारों रंगकर्मियों, कलाकारों ने जनता को जागरूक करने कि लिए भाषा,संस्कृति का उपयोग किया। इनकी विद्वता को देखते हुए अमेरिका के विश्वविद्यालय में कार्यरत होने के बावजूद इन्हें बुलाकर विभाग का दायित्व दिया गया।