कोलकाता, 08 मई (हि.स.)। बंगाल में कुर्मी आंदोलन की तुलना तृणमूल नेता अजित माइती के बयान को लेकर मचे विवाद पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माफी मांग ली है। सोमवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगी।
पश्चिम मेदिनीपुर से तृणमूल के संयोजक और विधायक अजित माइती ने कुर्मी समुदाय के आंदोलन की तुलना अलगाववादी खालिस्तानी से की थी। इसे लेकर सोमवार को कुर्मी समाज सड़कों पर उतरा।
इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि अजित माइती ने जो कहा, मुझे भी बहुत बुरा लग रहा है। उसे हमने फोन किया था। माइती ने कहा कि मैं इसे अलग तरह से कहना चाहता था, लेकिन मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। आदिवासी मेरे घर भाई-बहन हैं। उन्हें बेइंतिहा प्यार करो। जो महतो कुर्मी हैं उनसे मैं प्यार करती हूं। हमने उनकी मांग के अनुसार केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है। अगर अजित माइती ने ऐसा कुछ कहा है या भाजपा ने उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है तो मैं कहूंगी कि वह बयान हमारा बयान नहीं है। हम कुर्मी समुदाय से प्यार करते हैं। आदिवासियों को उचित सम्मान दिया जाता है। अगर उनके (अजीत के) बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने या उसे गलत तरीके से पेश करने से उन्हें (कुर्मी समुदाय) ठेस पहुंची है तो मैं हाथ जोड़कर माफी मांगती हूं। इसमें राजनीति करने जैसी कोई बात नहीं है।
उल्लेखनीय है कि गत शनिवार को मेदिनीपुर शहर में आयोजित तृणमूल की सभा में मंत्री मानस भुइंया, श्रीकांत मोहता, विधायक अजित माइती सहित पार्टी के अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस सभा में अपना वक्तव्य रखते हुए अजित माइती ने कहा था कि कुर्मी आंदोलन का समर्थन है। मुझे गलत मत समझो भाइयों। लेकिन खालिस्तानी जैसे कुछ स्वघोषित कुर्मी नेता कुर्मी भाई बहनों को बरगला रहे हैं। इसके पीछे माकपा या भाजपा का हाथ हो सकता है।