अक्सर यह पूछा जाता है कि क्या बच्चे अंतरिक्ष में पैदा हो सकते हैं। हो सकता है लेकिन गुरुत्वाकर्षण की कमी और उच्च विकिरण के कारण उनके शरीर कमजोर होंगे।

अब ब्रिटिश वैज्ञानिक एक डच अंतरिक्ष कंपनी के साथ मिलकर अंतरिक्ष में मानव शिशु पैदा करेंगे। यह एक प्रकार का कृत्रिम गर्भाधान होगा।

डच कंपनी का नाम स्पेसबॉर्न यूनाइटेड है। कंपनी की योजना एक बायो-सैटेलाइट बनाने की है, जिसके अंदर आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए बच्चे पैदा होंगे। इन बच्चों को स्पेस बेबी कहा जाता है।

इस जैव-उपग्रह की पहली परीक्षण उड़ान अगले तीन महीनों में होने की संभावना है। इसे कनाडा से लॉन्च किया जाएगा।

स्पेसबोर्न यूनाइटेड के डॉ. एबर्ट एडेलब्रॉक ने कहा कि हमारा लक्ष्य भविष्य में अंतरिक्ष में सामान्य मानव प्रजनन को पूरा करने में सक्षम होना है। लेकिन इससे पहले हमें यह देखने के लिए कृत्रिम गर्भाधान करना होगा कि अंतरिक्ष में पैदा होने वाले बच्चे स्वस्थ हैं या नहीं। क्या वह लंबे समय तक जीवित रहेगा या नहीं? उन्हें किस तरह की दिक्कत होगी?

डॉ। एडेलब्रॉक ने कहा कि हम अंतरिक्ष में मानव प्रजनन ठीक से करना चाहते हैं। लेकिन इससे पहले हम बच्चों को नैतिक बनाने के लिए मेडिकल रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे। जिससे हम अपने परम लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। इसकी शुरुआत चूहे के शुक्राणु और अंडे से होगी।

इस परियोजना में असगार्डिया नामक एक अंतरिक्ष राष्ट्र उद्यम भी शामिल है, जो पृथ्वी से परे मनुष्यों को उपनिवेश बनाना चाहता है। उद्यम 2016 में स्थापित किया गया था। असगार्डिया के प्रमुख लैम्बिट ओपिक का कहना है कि अंतरिक्ष में बच्चे होने से पहले हमें जैविक स्तर की उन तकनीकों की जांच करनी होगी जो भ्रूण को कृत्रिम रूप से विकसित कर सकें। ताकि सुरक्षित डिलीवरी हो सके

वर्ष 2019 में डॉ. एडेलब्रॉक ने कहा कि 12 साल के अंदर इंसान अंतरिक्ष में पहले बच्चे को जन्म देगा। मान लीजिए कि यह विकास वर्ष 2031 तक पूरा हो जाएगा। फिलहाल यह केवल लो अर्थ ऑर्बिट में ही संभव लगता है। हालांकि, इसके लिए हर तकनीक, उपग्रह, मशीन, जीव और अंतरिक्ष की कक्षा को सटीकता के साथ चुना जाना चाहिए।