मुख्य सचिव ने डिजी लॉकर और उमंग ऐप के साथ सेवाओं के एकीकरण हेतु विभिन्न आईटी पहलों की शुरुआत की

श्रीनगर 20 मई (हि.स.)। मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उमंग और डिजिलॉकर के साथ सरकारी विभागों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के एकीकरण का शुभारंभ किया।

मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में यूटी ने डिजिटल परिवर्तन की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं और मिशन मोड में ‘डिजिटल जम्मू और कश्मीर‘ कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य अपने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। डॉ. मेहता ने ‘भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस‘ और सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता के बिना सभी जी2सी सेवाओं के प्रावधान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने एक ही स्थान पर सेवाओं की पहुंच को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. मेहता ने इन पहलों को आम जनता का सच्चा सशक्तिकरण कहा क्योंकि ये उन्हें दुनिया के किसी भी हिस्से से सेवाओं तक निर्बाध और चौबीसों घंटे पहुंच प्रदान करेंगी। उन्होंने विभाग को गति जारी रखने की सलाह दी ताकि आम जनता की आसानी के लिए सभी सेवाओं को इन प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत किया जा सके। उन्होंने जनता के लिए गुणवत्ता और समय पर वितरण के लिए आरएएस और ऑटो-अपील के साथ सभी सेवाओं के एकीकरण पर भी जोर दिया।

डॉ. मेहता ने कहा कि जहां तक सरकारी कार्यालयों को पॉकेट में ले जाने की बात है, उमंग को एक मास्टर एप्लिकेशन के रूप में कार्य करने की परिकल्पना की गई है, जो मोबाइल प्लेटफॉर्म पर विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख सरकारी सेवाओं को एकीकृत करता है, जिससे इन उपकरणों को पोर्टेबल कार्यालयों में बदल दिया जाता है। एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं को ई-गवर्नमेंट सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाता है और सत्यापित सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए वन-स्टॉप-सॉल्यूशन की सुविधा देता है। जम्मू-कश्मीर की 31 सेवाओं को जोड़ा गया है और जम्मू-कश्मीर के नागरिक 11 केंद्रीय सेवाओं (एआईसीटीई, बीबीपीएस, मेरा राशन और वाहन) का भी लाभ उठा सकते हैं।

जिन 06 सेवाओं को उमंग ऐप के साथ एकीकृत किया गया था, उनमें बिजली विकास विभाग द्वारा प्रस्तावित नई कनेक्शन, नाम परिवर्तन, स्वामित्व परिवर्तन, श्रेणी परिवर्तन और ट्रैक स्थिति शामिल हैं।

विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली 12 सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिजिलॉकर के साथ एकीकृत किया गया। इनमें स्वास्थ्य विभाग की 02 सेवाएं जैसे आयु प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, राजस्व विभाग की 02 सेवाएँ अर्थात् अधिकारों का रिकॉर्ड और पीएसपी प्रमाणपत्र और आवास और शहरी विकास विभाग की 08 सेवाएँ अर्थात् दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का पंजीकरण प्रमाणपत्र, नगरपालिका सीमा प्रमाणपत्र, व्यापार मेला अनुमति, मोबाइल टॉवर अनुमति, स्ट्रीट वेंडर लाइसेंस, डेयरी लाइसेंस, सड़क काटने की अनुमति और पालतू कुत्तों का पंजीकरण प्रमाणपत्र षामिल हैं।

इन आईटी पहलों के बारे में यह कहा गया कि डिजिटल जम्मू और कश्मीर की दृष्टि सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में दक्षता, प्रभावशीलता, पारदर्शिता और इक्विटी को बढ़ाने के लिए है, जिससे जनता के कल्याण के लिए डिजिटल और उभरती प्रौद्योगिकियों की शक्ति का लाभ उठाकर नागरिकों को सशक्त बनाया जा सके।

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