कोलकाता, 22 मार्च (हि.स.)। कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने बीजेपी-वकील संघ के बर्ताव पर नाराजगी जताई है। उन्होंने शुक्रवार को कोर्ट की पवित्रता को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए उन्हें फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भाजपा के वकीलों ने जो किया वह एक ”शर्मनाक घटना” थी।
मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपनी पीठ में बैठकर यह टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश ने कोर्ट रूम में मौजूद वकीलों को संबोधित करते हुए कहा, ”कल (गुरुवार) रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। वकीलों के एक समूह ने जाकर उस कार्यालय के कर्मचारियों को धमकी दी, उन्हें अदालत कक्ष के अंदर बैठक करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
इसके बाद चीफ जस्टिस ने अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा, ””बुधवार को भी करीब 40 वकील कोर्ट में जुटे। मुझे खबर मिली कि एक राजनीतिक बैठक चल रही है. लेकिन कोर्ट में क्यों? बैठकें कहीं भी आयोजित की जा सकती हैं। यहां न्यायालय की पवित्रता बनाए रखें!”
जज ने कोर्ट में साफ किया कि वह इस घटना को लेकर कितने गुस्से में हैं। उन्होंने कहा, ”इन सभी घटनाओं को माफ नहीं किया जा सकता। कोई कर्मचारियों को कैसे धमकी दे सकता है? यदि कोई यहां (अदालत में) सुरक्षित महसूस नहीं करता है, तो वह और कहां जा सकता है?”
इस घटना के चलते चीफ जस्टिस शिवगणनम ने कलकत्ता हाई कोर्ट के कोर्ट रूम को हर दिन शाम छह बजे से बंद करने का ऐलान किया है। वहीं, उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वह पूरे मामले को बड़ी बेंच के पास भेजेंगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उनमें से दो वकील एसोसिएशन के सहायक सचिव थे। मुझे दो लोगों के नाम पता चले हैं। वे हैं वकील फाल्गुनी बनर्जी और राजेश साहा। इसके अलावा, कौन कौन था, मैं आज रात तक सबके नाम चाहता हूं। अगर जरूरत पड़ी तो मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा जाएगा।
शुक्रवार को वकीलों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “राज्य एजी से कहें कि कृपया इस बारे में कुछ करें।”