
छत्तीसगढ़ में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई ऊंचाई देने वाली खैरागढ़-परमालकसा रेल परियोजना को राज्य के लिए विकास का गेमचेंजर माना जा रहा है। यह प्रोजेक्ट न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी जबरदस्त रफ्तार देगा। इस महत्वाकांक्षी योजना से छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र से सीधे रेल मार्ग द्वारा जुड़ जाएगा, जिससे अनेक जिलों में समग्र विकास की संभावनाएं बनेंगी।
प्रमुख विशेषताएं: खैरागढ़-परमालकसा रेलवे परियोजना
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कुल लागत: ₹8,741 करोड़
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कुल दूरी: 278 किलोमीटर
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रेलवे ट्रैक की लंबाई: 615 किलोमीटर (दोहरी लाइन शामिल)
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प्रमुख मार्ग: खरसिया → नया रायपुर → परमालकसा → महाराष्ट्र
परियोजना से लाभान्वित होने वाले जिले
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सक्ती
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जांजगीर-चांपा
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बिलासपुर
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बलौदाबाजार
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रायपुर
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दुर्ग
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राजनांदगांव
यह रेलमार्ग रायपुर बाईपास से होकर गुजरेगा, जिससे छत्तीसगढ़ का संपर्क महाराष्ट्र से और अधिक तेज, सुलभ और सुरक्षित हो जाएगा।
जमीन अधिग्रहण को लेकर सख्ती
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33 गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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ये गांव बम्हीडीह, पामगढ़ और नवागढ़ विकासखंड में स्थित हैं।
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इस रोक का उद्देश्य परियोजना क्षेत्र में जमीन की अतिक्रमण और असंगठित खरीद-फरोख्त से बचाव करना है।
प्रभावित गांवों में शामिल हैं:
आमगांव, काशीगढ़, बेलकरी, बावनबोरी, कपिस्दा, कनकपुर, करनौद, पेंड्री, बरगांव, किरीट, तुलसी, गंगाजल, बेल्हा, खरौद तिवारीपारा, देवरी, खोरसी, हड़हा, तनौद, कोदाभाट, भुईगांव, चुरतेला, खैरडीह, ससहा आदि।
प्रोजेक्ट में होंगे ये बड़े निर्माण कार्य
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21 नए रेलवे स्टेशन
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48 बड़े पुल और 349 छोटे पुल
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14 ओवरब्रिज और 184 अंडरब्रिज
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5 फ्लाईओवर
इन संरचनाओं से यात्रा की सुविधा, सुरक्षा और मालवाहन की दक्षता बढ़ेगी।
औद्योगिक और सामाजिक लाभ
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बलौदाबाजार क्षेत्र में सीमेंट फैक्ट्रियों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
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रेलवे कनेक्टिविटी से कृषि, व्यापार और उद्योगों को नए बाजार मिलेंगे।
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स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर भी विशेष महत्व
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यह परियोजना भारतीय रेलवे की शीर्ष 10 महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है।
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इससे छत्तीसगढ़ की भूमिका राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल नेटवर्क में और मजबूत होगी।