कानपुर, 20 जून (हि.स.)। जम्मू और कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी राजस्थान और हरियाणा पर इसके प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण ने पिछले तीन दिनों में पूरे क्षेत्र को भिगो दिया है। ये दोनों प्रणालियां एक दूसरे की पूरक हैं और इसलिए संबंधित गति को धीमा कर रही हैं।
पंजाब, हरियाणा, उत्तर और पूर्वी राजस्थान, दिल्ली, कानपुर मण्डल सहित उत्तर प्रदेश और सभी पहाड़ी राज्यों के अधिकांश हिस्सों में अधिक बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। यह बातें सोमवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन सुनील पाण्डेय ने कही।
उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में पिछले तीन दिनों से प्री-मॉनसून मौसम की गतिविधियां चल रही हैं। अगले तीन और दिनों में इस तरह की और बारिश होने की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में 21 जून तक बारिश और गरज के साथ बारिश जारी रहेगी। कुछ स्टेशनों पर तेज़ हवाएं और बिजली गिरने के साथ तेज़ गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। पिछले सप्ताह तक, भारत के चार क्षेत्रों में से उत्तर पश्चिम भारत सबसे कम बारिश वाला क्षेत्र था।
पिछले तीन दिनों में प्री-मानसून बारिश के अच्छे प्रसार के साथ, वर्षा की कमी 85 प्रतिशत से 54 प्रतिशत तक हो गई है। 26 जून के बाद अगले दो से तीन दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली क्षेत्र में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाती हैं। यहां तक कि हरियाणा के कुछ हिस्सों, पूर्वी राजस्थान, पंजाब के कुछ हिस्सों और पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी जून के अंत तक मानसून आगे बढ़ जाएगा।