नई दिल्ली: कैंसर से बचाव के लिए कई शोध हो रहे हैं, लेकिन फिर भी खतरा कम नहीं हो रहा है। 30 वर्षों के दौरान 50 वर्ष से कम आयु के कैंसर रोगियों की संख्या में 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बीएमजे ऑन्कोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि फेफड़ों और प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े मामलों में सबसे अधिक तेजी देखी गई। ज्यादातर मौतें स्तन, श्वसन तंत्र और फेफड़ों के कैंसर के कारण होती हैं।
स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ताओं ने 204 देशों के 29 कैंसर से संबंधित 1990 से 2019 तक के आंकड़ों का अध्ययन किया। इससे यह निष्कर्ष निकला कि 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में स्तन कैंसर पहला दिखाई देने वाला कैंसर है। यह भी कहा गया कि 1990 के बाद से श्वसन तंत्र और प्रोस्टेट कैंसर में वृद्धि हुई है।
अध्ययन में सामने आए अनुमान और भी चिंताजनक हैं. इसमें कहा गया है कि साल 2030 में कम उम्र में कैंसर और कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में क्रमश: 31 और 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. 40 वर्ष की आयु के आसपास वालों को सबसे अधिक खतरा है।
शोधकर्ताओं ने 14 से 49 वर्ष की आयु के लोगों के डेटा का अध्ययन करते हुए पाया कि आनुवंशिक कारकों के साथ-साथ आहार भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार है। भोजन में लाल मांस और नमक की अधिक मात्रा के साथ-साथ शराब और तंबाकू का सेवन इसके मुख्य कारणों में से एक है। आहार में फल और दूध का कम प्रयोग भी एक कारण है। शारीरिक रूप से कम सक्रिय होना, अधिक वजन और उच्च रक्तचाप भी इसमें योगदान देने वाले कारक हैं।