
News India live, Digital Desk : Burning incense in paradise : जम्मू-कश्मीर, जिसे हम हमेशा अपनी बर्फीली चोटियों, ठंडी हवाओं और सुकून भरी वादियों के लिए जानते हैं, इस बार एक बिल्कुल नए रूप में सामने आया है – झुलसा देने वाली गर्मी के रूप में! धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले इस क्षेत्र में इस बार पारा ऐसा चढ़ा है कि लोग हैरान हैं और मौसम विज्ञानी चिंतित। यह सिर्फ एक गर्म दिन नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन की एक स्पष्ट चेतावनी है।
श्रीनगर में टूटा दशकों पुराना रिकॉर्ड:
26 जुलाई 2024 को कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। यह आंकड़ा अपने आप में चौंकाने वाला है, क्योंकि जुलाई महीने में श्रीनगर में इतनी गर्मी पिछली सदियों में बहुत कम ही देखी गई है। यह जुलाई के महीने में दर्ज किया गया तीसरा सबसे अधिक तापमान है। इससे पहले केवल दो बार, 1934 में (39.5 डिग्री सेल्सियस) और 1946 में (38.3 डिग्री सेल्सियस), जुलाई में तापमान इससे ऊपर गया था। इसका मतलब है कि 2024 का यह दिन पिछले 78 सालों में जुलाई का सबसे गर्म दिन बन गया है!
पूरी घाटी में ‘लू’ का सितम:
यह भीषण गर्मी सिर्फ श्रीनगर तक ही सीमित नहीं है। पूरी कश्मीर घाटी में तापमान सामान्य से कहीं ज़्यादा दर्ज किया जा रहा है:
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कुपवाड़ा: यहाँ भी पारा 37.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया।
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काजीगुंड: इसने तो अपने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए! यहाँ 36.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो काजीगुंड के इतिहास का सबसे अधिक तापमान (All-time high record) है।
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ठंडे पर्यटन स्थल जैसे पहलगाम और गुलमर्ग भी इस गर्मी से अछूते नहीं रहे। पहलगाम में 31.8 डिग्री और गुलमर्ग में 28.0 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया, जो इन जगहों के लिए बिल्कुल असामान्य है।
जीवन पर असर: ‘स्वर्ग’ में भी बेहाल लोग:
जिस कश्मीर में लोग भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए आते हैं, वहाँ अब खुद स्थानीय और पर्यटक बेहाल हैं। पंखे और एसी की मांग बढ़ गई है, बिजली कटौती परेशान कर रही है, और लोग धूप से बचने के लिए घरों में दुबकने को मजबूर हैं। कल्पना कीजिए, एक ऐसी जगह जहाँ आप ठंडक की उम्मीद करते हैं, वहाँ आपको लू और चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़े।
मौसम विभाग की चेतावनी और आगे का अनुमान:
मौसम विभाग ने इस गर्मी को देखते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। इसका मतलब है कि लोगों को बहुत सावधान रहना होगा, डिहाइड्रेशन से बचना होगा और सीधे धूप में निकलने से बचना होगा। हालांकि, एक राहत भरी खबर यह है कि 29 जुलाई से मौसम में थोड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने से तापमान में कुछ गिरावट आ सकती है और लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।