Bol Bam : कांवड़ यात्रा पर जाने से पहले क्यों जरूरी हैं ये 5 नियम छोटी सी गलती भारी न पड़े

Bol Bam : कांवड़ यात्रा पर जाने से पहले क्यों जरूरी हैं ये 5 नियम छोटी सी गलती भारी न पड़े
Bol Bam : कांवड़ यात्रा पर जाने से पहले क्यों जरूरी हैं ये 5 नियम छोटी सी गलती भारी न पड़े

News India Live, Digital Desk: Bol Bam : बम-बम भोले! शिव भक्तों का सबसे बड़ा पर्व, कांवड़ यात्रा, फिर आने वाली है। भोलेनाथ को खुश करने और पवित्र गंगाजल चढ़ाने के लिए लाखों भक्त बोल बम के जयकारे लगाते हुए मीलों पैदल चलते हैं। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, तपस्या और अटूट विश्वास का संगम है। लेकिन, कई बार जोश-जोश में कुछ श्रद्धालु अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनसे उनकी अपनी यात्रा मुश्किल में पड़ जाती है, या कभी-कभी तो दूसरों के लिए भी परेशानी खड़ी हो जाती है। इसीलिए, अगर आप भी 2025 की कांवड़ यात्रा पर निकलने का सोच रहे हैं, तो भूलकर भी इन 5 नियमों को नज़रअंदाज़ मत कीजिएगा। आपकी छोटी सी सावधानी आपकी यात्रा को और पवित्र और सुरक्षित बना देगी।

1. कांवड़ जमीन पर न रखें, जब तक बहुत ज़रूरी न हो:
कांवड़ यात्रा का सबसे अहम और सबसे पवित्र नियम है कि गंगाजल से भरी अपनी कांवड़ को गलती से भी ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। यह पवित्र जल भगवान शिव को चढ़ाया जाना है, और इसे ज़मीन पर रखने को अनुचित माना जाता है। अगर किसी बहुत ही इमरजेंसी या स्वास्थ्य कारणों से कांवड़ रखनी पड़े, तो उसे किसी पवित्र चौकी, पेड़ की डाल, या कांवड़ शिविर में ही ऊँचाई पर रखें, ताकि उसकी पवित्रता बनी रहे। इस नियम को पालन करने से आपकी यात्रा के प्रति श्रद्धा दिखती है।

2. साफ-सफाई और सात्विक भोजन पर विशेष ध्यान दें:
यह यात्रा शरीर के साथ-साथ मन को भी शुद्ध करने की होती है। इसीलिए यात्रा के दौरान शरीर की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। कपड़े साफ पहनें और खाने-पीने में शुद्धता बरतें। मांसाहारी भोजन, शराब या किसी भी तरह के नशे से पूरी तरह दूर रहें। यह यात्रा की पवित्रता और आपकी साधना का प्रतीक है। सिर्फ शाकाहारी और हल्का भोजन ही लें, जो आपको यात्रा में ऊर्जा दे और थकावट न दे।

3. अपवित्र स्थानों और अनावश्यक वाद-विवाद से बचें:
कांवड़ यात्रा में भक्तों को शांत मन और पवित्र विचार रखने चाहिए। ऐसे किसी भी अपवित्र स्थान पर जाने से बचें, जहाँ शराब या मांसाहारी भोजन का सेवन होता हो। साथ ही, यात्रा के दौरान किसी भी व्यक्ति से, चाहे वो कोई भी हो, बहस या लड़ाई-झगड़ा करने से पूरी तरह बचें। ‘बोल बम’ का उद्घोष करते हुए, सबके साथ शांति और भाईचारे से आगे बढ़ें। गुस्सा या कटु वचन आपकी यात्रा के उद्देश्य को कमज़ोर करते हैं।

4. संयम और मर्यादा का पालन करें:
कांवड़ यात्रा सिर्फ़ शरीर से चलने भर की बात नहीं है, ये एक तपस्या भी है। इसलिए, ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन में किसी भी तरह के बुरे विचार न लाएं। रास्ते में महिलाओं और बुजुर्गों के प्रति सम्मान और मर्यादा रखें। किसी को बेवजह परेशान न करें और संयमित व्यवहार करें। अपनी कांवड़ और यात्रा के उद्देश्यों के प्रति गंभीर रहें।

5. हरे और नारंगी वस्त्र पहनें, चमड़े की वस्तुओं से करें परहेज:
कांवड़ यात्रा के दौरान आमतौर पर शिव भक्त नारंगी या हरे रंग के कपड़े पहनते हैं। इन रंगों को शिव जी से जोड़ा जाता है। हो सके तो चमड़े से बनी वस्तुओं, जैसे बेल्ट, पर्स या जूते-चप्पलों का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि चमड़ा जीवों की खाल से बनता है और इसे अपवित्र माना जाता है। वैसे, कुछ कांवड़िया बिना जूतों के नंगे पैर यात्रा करते हैं, जो एक कठोर तपस्या मानी जाती है। इससे आप अपनी आस्था और निष्ठा का प्रदर्शन करते हैं।

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