देहरादून : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून ही नहीं पूरे उत्तराखंड में शत्रु संपतियों पर हो रहा अवैध कब्जा उचित नही है। इस बाबत उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत केंद्र के अधिकारियों को भी पत्र लिखा है।
इस्लामुद्दीन अंसारी ने करनपुर स्थित काबुल हाउस की चर्चा करते हुए कहा कि शहर के बीचो बीच अरबों की संपत्ति पर भूमाफिया की नजर है और शासन-प्रशासन के जवाबदेह लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सहारनपुर और अन्य क्षेत्रों से आ रहे लोग उन्हें अपनी जमीन बताकर बेचने का कारोबार कर रहे हैं जबकि शत्रु संपत्ति बिक ही नहीं सकती।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड की लगभग 70 संपत्तियों को चिन्हित कर लिया है। यह शत्रु सम्पत्ति स्वतंत्रता के बाद अवैध कब्जा धारकों की ओर से हड़पी जा रही थी। उन्होंने कहा कि केवल देहरादून ही नहीं पूरे उत्तराखंड में शत्रु संपत्तियों की भरमार है। इसी संदर्भ में उन्होंने मसूरी के कैमल बैक रोड पर एक सम्पत्ति की चर्चा की, जिस पर अभिरक्षक ने 1680 वर्ग मीटर भूमि अपने कब्जे में ली है और वहां भारत सरकार की सम्पत्ति का बोर्ड लगाया है।
उन्होंने बताया कि यह संपत्तियां देहरादून के साथ-साथ हरिद्वार, भगवानपुर, ज्वालापुर के साथ-साथ किच्छा तथा अन्य क्षेत्रों में भी है इसकी कीमत अरबों की है। उन्होंने बताया कि जहां कुछ शत्रु संपत्तियों पर मुस्लिम समाज का कब्जा है जबकि ईसी रोड की भी कुछ संपत्तियां खरीदी बेची जा रही है।
इस्लामुद्दीन अंसारी ने इस संबंध में कहा है कि यह शत्रु संपत्तियां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीदी बेची न जा सके इसके लिए सरकार को विशेष प्रयास करना चाहिए।