भाजपा सरकार किसानों से धान नहीं खरीदने का कर रही है षडयंत्र : विक्रम मंडावी

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बीजापुर, 30 नवंबर (हि.स.)। जिला मुख्यालय में कांग्रेस ने शनिवार काे पत्रकारवार्ता आयोजित कर विधायक विक्रम मंडावी ने भाजपा सरकार पर किसानों से धान नहीं खरीदने का षड्यंत्र करने का आराेप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीद कम करना चाहती है। इस बार 160 लाख मिट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है। इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है। शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं। इसका मतलब यह है कि प्रति दिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की खरीद प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा। वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीद हो रही है। उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा है।

विधायक विक्रम मंड़वी ने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपये देने का निर्णय लिया था जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेश भर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं। अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपये को घटाकर 60 रुपये कर दिया है। इस कारण राईस मिलर हड़ताल पर है, धान सोसायटी में जाम है। मिलरों को 120 की जगह 60 रुपये देने के फैसले के बाद विभिन्न जिलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं।

विधायक विक्रम मंडावी कहा कि सोसाइटियो को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है। सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को घान बेचे थे, उनके खाते के रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है। वह एक मुस्त 3100 नहीं है, सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। जो समर्थन मूल्य है उतना अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा। जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा। किसानो से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा।

उन्होंने बारदानों को लेकर कहा कि सोसायटी में बारदाना की कमी है। किसान परेशान है। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बरदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है। धान खरीद केन्द्रो में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है, किसान घंटो खड़े रहते है। आनलाईन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नही मिल रहा है। विधायक ने कहा कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपये में करे क्योंकि 3100 रुपये भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीद 3100 रुपये से बढ़ाकर 3217 रुपये किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपये में धान खरीद किया था। धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है। नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफर स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है। पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास यह अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनाैती दे सकें। अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है। धान खरीद केन्द्रो में जगह की कमी आ रही है। पहले मार्कफेडे द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी, अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। जबकि धान खरीद 31 जनवरी तक होगी उसके बाद धान खरीद बंद हो जाएगी, यानी समितियों, संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रह रहेगा।