कन्यारत्न का जन्म ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दिन हुआ था; माता-पिता ने अपनी बेटी का रखा अविस्मरणीय नाम, एक बार जरूर पढ़ें

बिहार: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाया गया और उनसे उनका धर्म पूछते हुए उन पर गोलियां चलाई गईं। इस आतंकवादी हमले में दुर्भाग्यवश 26 निर्दोष लोग मारे गये। इसके 14 दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर भी चलाया। इसमें उन्होंने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर 9 आतंकवादी शिविरों पर हमला किया। इसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गये हैं। इसके बाद, बिहार में उसी दिन जन्मी एक लड़की का नाम उसके माता-पिता ने इस घटना की याद में रखा। यही कारण है कि उन्हें क्षेत्र से काफी सराहना मिल रही है।

भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके बेस भी शामिल था। इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इस कार्रवाई के बाद भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण देशों से समर्थन मिल रहा है। साथ ही भारतीयों ने भी सेना द्वारा किए गए इस क्रूर आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों का बदला लेने की भावना व्यक्त की है। देश के हर कोने में जश्न और उत्साह का माहौल है। देशवासियों ने अपने-अपने तरीके से इसका जश्न मनाया है।

 

कल (07 तारीख) पूरे देश में हर जगह ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस ऑपरेशन को उपयुक्त नाम दिया है। यह नाम हर किसी की जुबान पर है। इस दिन बिहार में एक दम्पति ने एक बच्ची को जन्म दिया। उन्हें एक पुत्री प्राप्त हुई। बिहार के इस दम्पति ने आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की साहसिक कार्रवाई के सम्मान में अपनी बेटी का अनोखा नाम रखा है। उन्होंने अपनी बेटी का नाम सिंदूरी रखा है। इससे कई लोग आश्चर्यचकित हुए हैं। लेकिन कल का दिन देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन माना गया। ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारत की ताकत दिखाई है। इससे पूरे देश में उत्साह का माहौल बन गया है। ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व करते हुए बिहार के एक दंपत्ति ने अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा है।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिले के कुरसेला निवासी संतोष मंडल और राखी कुमारी ने अपनी नवजात बेटी का नाम सिंदूरी रखा है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनकी बेटी का जन्म उसी दिन हुआ जिस दिन ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी शिविरों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। लड़की के माता-पिता का सपना है कि उनकी बेटी बड़ी होकर सेना में अधिकारी बने और देश की सेवा करे।