Bihar Politics : जयचंदों ने मुझे पार्टी से बाहर कर दिया, भरी सभा में जब छलक उठा तेज प्रताप का दर्द
News India Live, Digital Desk: Bihar Politics : बिहार का चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है और इसके साथ ही आरजेडी के भीतर का पारिवारिक और राजनीतिक ड्रामा भी अब खुलकर मंच पर आने लगा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला, जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भावुक हो गए. उनका दर्द और गुस्सा, दोनों ही जनता के सामने आ गया.
मंच से बोलते-बोलते अचानक तेज प्रताप का गला भर आया. उन्होंने जनता से सीधा संवाद करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर के ही कुछ 'जयचंदों' ने उन्हें किनारे लगा दिया है और पार्टी से बाहर कर दिया है.
'असली मालिक तो जनता है'
अपने खास और थोड़े बागी अंदाज के लिए जाने जाने वाले तेज प्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था. उन्होंने दुखी मन से कहा, "मुझे भले ही इन लोगों ने पार्टी से निकाल दिया हो, लेकिन मुझे कोई चिंता नहीं है, क्योंकि मेरे असली मालिक आप हैं, बिहार की जनता है."
जब तेज प्रताप यह कह रहे थे, तो उनके चेहरे पर पार्टी में हो रही कथित अनदेखी का दर्द साफ झलक रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि लालू-राबड़ी का शासन वापस आए.
'मैं लालू का खून हूं, उनकी विचारधारा को मरने नहीं दूंगा'
तेज प्रताप ने खुद को लालू यादव की विरासत का असली वारिस बताने की कोशिश की. उन्होंने कहा, "मैं लालू जी का खून हूं. उनकी विचारधारा को मैं कभी मरने नहीं दूंगा. मेरे पिता आज जेल में हैं, और यहां कुछ लोग पार्टी को कमजोर करने में लगे हैं."
यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ इस तरह का बयान दिया हो. वे अक्सर तेजस्वी यादव के सलाहकारों और पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर सवाल उठाते रहे हैं. लेकिन इस बार चुनावी मंच से उनका इस तरह भावुक होना और खुद को 'बाहर' किया हुआ बताना, आरजेडी के भीतर चल रही खींचतान को खुलकर सामने लाता है.
उनका यह भावुक अंदाज चुनावी माहौल में एक नई चर्चा छेड़ गया है. लोग अब यह कयास लगा रहे हैं कि क्या लालू परिवार की यह अंदरूनी कलह आरजेडी को चुनाव में कोई नुकसान पहुंचाएगी.
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