गोरखपुर में सीएम योगी का बड़ा संदेश, यह देश किसी एक जाति का नहीं, हम सभी 140 करोड़ भारतीयों का है
News India Live, Digital Desk : आज Gorakhpur के लिए एक बहुत बड़ा और खास दिन है। शहर का माहौल पूरी तरह से उत्साह और देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। वजह है महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 'संस्थापक-सप्ताह समारोह-2025' (Founder’s Week Celebrations) का शानदार आगाज।
आज से शुरू हुए इस समारोह की अध्यक्षता खुद सूबे के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर Yogi Adityanath ने की। इस मौके पर उन्होंने जो बातें कहीं, वो सिर्फ वहां मौजूद छात्रों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक नजीर हैं। सीएम योगी ने साफ कर दिया कि जब हम 'विकसित भारत' की बात करते हैं, तो उसमें 'मेरा-तेरा' या 'जाति-पाति' की कोई जगह नहीं है।
आइए, आसान शब्दों में जानते हैं कि आज के कार्यक्रम में क्या कुछ खास रहा और अगले सात दिनों तक वहां क्या होने वाला है।
"सबका भारत, सबका विकास"
सीएम योगी ने अपने संबोधन में बहुत गहरी बात कही। उन्होंने कहा, "विकसित भारत किसी एक व्यक्ति का नहीं है, न ही किसी एक जाति विशेष का है। यह भारत 140 करोड़ भारतीयों का भारत होगा, हम सभी का भारत होगा।"
उनका कहना था कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की नींव भी इन्ही विचारों पर रखी गई थी। संस्थापकों का सपना ही यही था कि शिक्षा के जरिए ऐसे नागरिक तैयार हों जो अपनी भावनाओं से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण के संकल्प को पूरा करें। उनकी बातों ने वहां मौजूद हजारों युवाओं में नया जोश भर दिया।
शिक्षा और अनुशासन का महाकुंभ
इस बार के समारोह में चार चांद लगाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी (उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) मौजूद रहे। सेना के इतने बड़े अधिकारी और सीएम योगी का एक मंच पर होना ही अपने आप में छात्रों के लिए अनुशासन का सबसे बड़ा पाठ था।
अगले 7 दिन मचेगी धूम
अगर आपको लगता है कि यह सिर्फ भाषणबाजी का कार्यक्रम है, तो आप गलत हैं। यह असल में प्रतिभाओं का मेला है। अगले सात दिनों तक महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का प्रांगण एक कुरुक्षेत्र बना रहेगा—लेकिन हथियारों का नहीं, कलम और खेल का।
इस दौरान ढेर सारी प्रतियोगिताएं होंगी:
- अकादमिक: डिबेट, क्विज, भाषण आदि।
- खेलकूद: दौड़, कबड्डी और अन्य स्पोर्ट्स।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस महाकुंभ में गोरखपुर मंडल के 125 से ज्यादा स्कूल, कॉलेज और प्रशिक्षण संस्थान हिस्सा ले रहे हैं। यानी मुकाबला तगड़ा होने वाला है!
क्यों खास है यह समारोह?
हर साल मनाया जाने वाला यह 'संस्थापक सप्ताह' सिर्फ एक रस्म नहीं है। यह याद दिलाता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा की अलख जगाने के लिए हमारे पूर्वजों ने कितना संघर्ष किया। आज जब हम विकसित भारत का सपना देख रहे हैं, तो ऐसे आयोजन युवाओं को याद दिलाते हैं कि इस सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर है।
तो अगर आप गोरखपुर या उसके आसपास हैं, तो इन प्रतियोगिताओं पर नज़र जरूर रखिएगा। यहाँ से निकलने वाली प्रतिभाएं ही कल का भविष्य बनेंगी!
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