मोदी को न्योता देने के पीछे बाइडेन का लंबा गणित

भारत के एक जाने-माने विशेषज्ञ ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार लंबे समय से भारत-अमेरिका संबंधों में मौजूदा चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले महीने आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित करने पर विचार कर रही है. राष्ट्रपति बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर पीएम मोदी जून में अमेरिका की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। बाइडेन दंपति 22 जून को मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज का भी आयोजन करेंगे। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में वरिष्ठ सलाहकार और यूएस-इंडिया पॉलिसी स्टडीज के प्रमुख रिक रोसो ने कहा कि वाशिंगटन में भारत का पलड़ा भारी रहेगा। आंशिक रूप से यूक्रेन के रूसी आक्रमण पर कड़ा रुख अपनाने की उनकी अनिच्छा के कारण। यह वाशिंगटन में कई लोगों के लिए एक निर्णायक क्षण था, लेकिन बाइडेन प्रशासन के लिए नहीं। बाइडेन प्रशासन का लंबा गणित है। बिडेन सरकार ने महसूस किया है कि भारत-अमेरिका संबंधों का रणनीतिक महत्व दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों में निहित है। तो शीर्ष स्तर पर यह एक संकेत है कि कुछ चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने के इच्छुक हैं। बाइडन सरकार व्यापार और सुरक्षा दोनों ही लिहाज से भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश कर रही है।

रिक ने कहा कि दो बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। एक, भारत में वीजा साक्षात्कार के लिए लंबा इंतजार, जिस मोर्चे पर हाल के सप्ताहों में स्थिति और खराब हुई है। इससे दोनों देशों की जनता के बीच संबंध प्रभावित हो रहे हैं।

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