लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक महागठबंधन ने सीट बंटवारे के समझौते की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और वामपंथी दल लगातार अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर रहे हैं. प्रतीक. इससे बिहार कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ विकट स्थिति पैदा हो गई है.
कांग्रेस दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी और…
दरअसल औरंगाबाद और बेगुसराय लोकसभा सीट को लेकर चर्चा चल रही है. कांग्रेस वहां अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी और सीट बंटवारे को लेकर हुई बैठक में उसने इन दोनों सीटों पर दावा किया था, लेकिन अभी तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनने के कारण राजद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इन दोनों सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिये हैं.
लालू प्रसाद ने किसे दिया टिकट?
लालू प्रसाद ने औरंगाबाद से अभय कुशवाहा को पार्टी का उम्मीदवार बनाकर सिंबल दे दिया है, वहीं दूसरी ओर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बेगुसराय से अवधेश राय को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी औरंगाबाद के पूर्व सांसद निखिल कुमार को अपना उम्मीदवार बनाना चाहती थी, लेकिन उससे पहले ही लालू ने कांग्रेस के साथ बड़ा खेल खेला और दावा किया जा रहा है कि अभय कुशवाहा को पार्टी का सिंबल दे दिया गया है.
औरंगाबाद में पहले चरण का मतदान
गौरतलब है कि बिहार के औरंगाबाद में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा. दूसरी ओर, कांग्रेस अपनी पार्टी के फायर ब्रांड नेता कन्हैया कुमार को बेगुसराय सीट से उतारना चाहती थी और लगातार महागठबंधन के अन्य घटक दलों से बातचीत कर रही थी, लेकिन लालू प्रसाद के एकतरफा फैसले से प्रभावित होकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को उम्मीदवारी की घोषणा कर दी. बेगुसराय से कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे अवधेश राय का हाथ खाली रह गया.
भड़के पूर्व कांग्रेस सांसद…
औरंगाबाद सीट हारने के बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद निखिल कुमार ने राजद पर निशाना साधा है और कहा है कि कांग्रेस तुरंत पूरे मामले में हस्तक्षेप करे और लालू प्रसाद को एकतरफा फैसला लेने से रोके. गौरतलब है कि निखिल कुमार औरंगाबाद से पूर्व सांसद रह चुके हैं और उन्होंने पार्टी आलाकमान से कहा है कि लालू को कांग्रेस की सीट को लेकर फैसला लेने से रोका जाए.
बेगूसराय में भी कांग्रेस को झटका
बेगूसराय में अवधेश राय की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेस को एक और झटका लगा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार बेगुसराय से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार थे। लेकिन अब वह कांग्रेस में हैं, इसलिए कांग्रेस उन्हें बेगुसराय से मैदान में उतारने की तैयारी कर रही थी. उससे पहले ही लेफ्ट पार्टी ने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर इसे बड़ा झटका दे दिया है. अब ऐसे में बिहार महागठबंधन में कांग्रेस की लगातार हो रही अनदेखी के कारण जिस तरह से राजद और वाम दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं, उससे सवाल यह है कि क्या कांग्रेस इनमें से 8 या 9 सीटों पर भी चुनाव लड़ पाएगी. 40.