बन जाइए अपने गांव की बैंक वाली दीदी बीसी सखी योजना से जुड़ें और घर बैठे कमाएं हज़ारों रुपये
News India Live, Digital Desk: अक्सर हमारे गांवों में महिलाएं घर का कामकाज निपटाने के बाद सोचती हैं कि काश उनके पास भी कोई ऐसा काम होता जिससे वो अपने पति की मदद कर सकतीं और खुद के पैरों पर खड़ी हो सकतीं। लेकिन शहर जाकर नौकरी करना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होता।
अगर आप भी कम से कम 10वीं क्लास तक पढ़ी-लिखी हैं और स्मार्टफोन (मोबाइल) चलाना जानती हैं, तो सरकार आपके लिए एक बहुत ही बेहतरीन योजना लेकर आई है। इसका नाम है बीसी सखी योजना (BC Sakhi Yojana)।
इस योजना ने गांवों में महिलाओं को एक नई पहचान दी है। अब उन्हें 'गृहणी' नहीं, बल्कि सम्मान के साथ 'बैंक वाली दीदी' कहकर पुकारा जाता है। आइए, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि यह काम क्या है और आप इससे कैसे जुड़ सकती हैं।
बीसी सखी (Banking Correspondent) आखिर होती कौन है?
जैसे शहर में जगह-जगह एटीएम (ATM) होते हैं, वैसे गांवों में बैंक दूर होते हैं। बुजुर्गों को पेंशन निकालने या किसानों को पैसे जमा करने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
'बीसी सखी' एक तरह का चलता-फिरता बैंक है।
सरकार आपको एक मशीन और डिवाइस देती है। आपका काम है अपने गांव के लोगों के घर जाकर या एक जगह बैठकर उनके पैसे जमा करना, निकालना, लोन दिलवाना या फंड ट्रान्सफर करना।
कमाई कितनी होगी? (सबसे जरुरी सवाल)
इसमें कमाई के दो तरीके हैं, जिससे आप महीने के आराम से 10,000 से 15,000 रुपये तक कमा सकती हैं (यह आपके काम पर निर्भर करता है):
- सरकार से मानदेय (Salary): शुरुआत के 6 महीनों तक सरकार आपको हर महीने 4,000 रुपये फिक्स देती है, ताकि आपके पैर जम जाएं।
- कमीशन (Commission): आप जितने लोगों के पैसे जमा करेंगी या निकालेंगी, बैंक आपको हर ट्रांजैक्शन पर एक अच्छा कमीशन देता है। जितना ज्यादा काम, उतनी ज्यादा कमाई।
कौन बन सकती है बीसी सखी? (योग्यता)
इसके लिए कोई बड़ी डिग्री नहीं चाहिए, बस ये शर्तें पूरी होनी चाहिए:
- महिला उसी गांव की रहने वाली हो (ताकि गांव वाले उस पर भरोसा करें)।
- कम से कम 10वीं पास हो।
- गणित (जोड़-घटाना) और मोबाइल चलाना जानती हो।
- जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ी हैं, उन्हें इसमें पहली प्राथमिकता दी जाती है।
कैसे करें आवेदन?
अगर आपको लगता है कि आप यह काम कर सकती हैं, तो तुरंत अपने ब्लॉक कार्यालय (Block Office) में जाकर 'राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन' (NRLM) के अधिकारियों से मिलें।
इसके अलावा कई राज्यों में (जैसे उत्तर प्रदेश) इसके लिए 'UP BC Sakhi App' भी मौजूद है, जहाँ से आप घर बैठे अप्लाई कर सकती हैं।
इज्जत भी, पैसा भी
दोस्तों, पैसा तो मिलता ही है, लेकिन जो 'सम्मान' मिलता है, उसका कोई मोल नहीं। जब गांव की कोई बुजुर्ग महिला आपको दुआ देती है कि "बेटी, तूने मेरी पेंशन घर पर ही लाकर दे दी," तो दिल खुश हो जाता है।
तो देर किस बात की? अपनी होशियारी और मोबाइल का सही इस्तेमाल कीजिये और बन जाइए अपने गांव की शान!
--Advertisement--