ल क्या गंभीर ‘हिस्टोरिकल फजेती’ के संस्थापक थे? बीसीसीआई अब एक्शन मोड में! यह कदम उठाया जा सकता

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न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक हार के बाद न सिर्फ कप्तान रोहित शर्मा बल्कि कोच गौतम गंभीर भी सवालों के घेरे में हैं. गौतम गंभीर ने ‘सुपर पावर’ के बारे में जो कुछ कहा, उसे बीसीसीआई ने मान लिया. गंभीर की मांग को मानने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कई बार अपनी नीति में संशोधन किया. अब इस ऐतिहासिक घोटाले के बाद बीसीसीआई भी नींद से जाग गया है और माना जा रहा है कि गौतम गंभीर से पूछताछ की तैयारी है. 

पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर जुलाई में ही भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बने हैं. बोर्ड ने गंभीर को कोच बनाकर अपना पसंदीदा सपोर्ट स्टाफ दिया है। सपोर्ट स्टाफ में शामिल अभिषेक नायर गौतम गंभीर से पहले मोर्न मोर्कल से लेकर रेयान टेन डौशेट तक के साथ काम कर चुके हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो कोच गंभीर के कहने पर ही मुंबई में रैंक टर्नर पिच बनाई गई थी. रैंक टर्नर की पिच की मांग बोर्ड की नीति के विरुद्ध थी। भारत ने इस साल खेल की पिच पर इंग्लैंड को हराया. स्पिन की मदद वाली पिच की मांग समझ से परे थी. 

रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई गौतम गंभीर से इस बारे में पूछताछ कर सकती है. एक दूरदर्शी व्यक्ति उनसे पूछ सकता है कि वे टीम के लिए क्या योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, स्पिन ट्रैक की मांग तब की गई जब बेंगलुरु को स्विंग कराने वाली पिच पर भारत को हार का सामना करना पड़ा. 

गंभीर चयन समिति की बैठक में शामिल थे,
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के एक सूत्र ने  बताया कि बीसीसीआई ने गंभीर की सभी मांगें मान ली हैं. बोर्ड की नीति है कि एनसीए कार्यक्रम को आगे बढ़ाने वाले कोचों को पदोन्नति दी जाएगी। लेकिन गंभीर के अनुरोध पर इस बात पर ध्यान दिया गया कि उन्हें अपना पसंदीदा कोचिंग स्टाफ मिल जाए. उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम का चयन करने वाली चयन समिति का हिस्सा बनने का मौका दिया गया था. बोर्ड अपने फैसलों की समीक्षा भी कर सकता है और गंभीर से रोड मैप भी मांग सकता है.