बांके बिहारी मंदिर का होगा कायाकल्प, सर्वे के लिए वृंदावन पहुंची IIT रुड़की की टीम
News India Live, Digital Desk: वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ और सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा क़दम उठाया गया है. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की के एक्सपर्ट्स की एक टीम मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र का सर्वे करने के लिए वृंदावन पहुंच गई है. इस सर्वे का मुख्य मक़सद यह पता लगाना है कि मंदिर के प्राचीन स्वरूप को बिना कोई नुक़सान पहुंचाए, यहां श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं कैसे विकसित की जा सकती हैं.
क्यों पड़ी सर्वे की ज़रूरत?
बांके बिहारी मंदिर की कुंज गलियां काफ़ी संकरी हैं. त्योहारों और ख़ास मौक़ों पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, जिससे भारी भीड़ जमा हो जाती है और कई बार भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है. कुछ साल पहले जन्माष्टमी के मौक़े पर हुए एक दर्दनाक हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान भी चली गई थी. इसी समस्या को देखते हुए, मंदिर के आसपास एक कॉरिडोर बनाने और सुविधाओं को बढ़ाने की योजना बनाई गई, जिसका मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा.
क्या करेगी IIT की टीम?
IIT रुड़की की टीम, जिसमें सिविल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ शामिल हैं, कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच करेगी:
- मंदिर की मज़बूती: टीम सबसे पहले यह देखेगी कि मंदिर का मुख्य ढांचा कितना पुराना और मज़बूत है.
- आसपास के भवनों की जांच: मंदिर के चारों तरफ़ बने पुराने मकानों और इमारतों की स्थिति का भी आकलन किया जाएगा.
- कॉरिडोर की संभावना: टीम यह भी सर्वे करेगी कि प्रस्तावित कॉरिडोर बनाने के लिए कितना क्षेत्र उपलब्ध है और इसका निर्माण कैसे किया जा सकता है ताकि मंदिर को कोई ख़तरा न हो.
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा: सर्वे में इस बात पर ख़ास ध्यान दिया जाएगा कि ऐसा क्या बदलाव किया जाए, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें.
जिला प्रशासन भी है साथ
IIT टीम के साथ स्थानीय प्रशासन, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं. सब मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सर्वे का काम ठीक तरीक़े से हो. यह सर्वे रिपोर्ट सीधे हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी, जिसके बाद ही मंदिर के विकास और कॉरिडोर निर्माण पर कोई अंतिम फ़ैसला लिया जाएगा.
यह सर्वे बांके बिहारी के लाखों भक्तों के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आया है. अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो जल्द ही वृंदावन में श्रद्धालुओं को अपने आराध्य के दर्शन और सुगम और सुरक्षित तरीक़े से मिल सकेंगे.
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