Ayurvedic Medicine: अनमोल रत्न’ पिप्पली पेट, दर्द और सांस तक, इन 5 बीमारियों में है बेहद फ़ायदेमंद

Ayurvedic Medicine: अनमोल रत्न' पिप्पली पेट, दर्द और सांस तक, इन 5 बीमारियों में है बेहद फ़ायदेमंद
Ayurvedic Medicine: अनमोल रत्न’ पिप्पली पेट, दर्द और सांस तक, इन 5 बीमारियों में है बेहद फ़ायदेमंद

News India Live, Digital Desk:  Ayurvedic Medicine: हमारे प्राचीन भारतीय आयुर्वेद में ऐसी न जाने कितनी जड़ी-बूटियाँ और मसाले हैं, जिनकी अद्भुत शक्तियों से हम आज भी अनभिज्ञ हैं। ऐसी ही एक जादुई जड़ी-बूटी है ‘पिप्पली’, जिसे लंबी काली मिर्च (Long Pepper) भी कहते हैं। दिखने में छोटी, पर गुणों में कमाल की, यह कई रोगों का काल है। पिप्पली का ज़िक्र सदियों पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों में एक शक्तिशाली औषधि के रूप में किया गया है। अगर आप भी अक्सर छोटी-मोटी बीमारियों से जूझते हैं, तो पिप्पली आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं।

तो आइए जानते हैं कि यह चमत्कारी पिप्पली किन 5 बड़ी समस्याओं में आपकी मदद कर सकती है:

  1. पेट और पाचन संबंधी समस्याएँ:
    अगर आपको गैस, एसिडिटी, कब्ज़, अपच या पेट दर्द जैसी परेशानियां अक्सर रहती हैं, तो पिप्पली आपकी सबसे अच्छी दोस्त साबित हो सकती है। यह हमारी पाचन अग्नि को तेज़ करती है, जिससे खाना सही से पचता है और शरीर में ज़हरीले तत्व जमा नहीं होते। इसका सेवन करने से आंतों का काम बेहतर होता है और पेट की सभी गड़बड़ियों में आराम मिलता है।

  2. वज़न कम करने में सहायक:
    यह जानकर आपको ख़ुशी होगी कि पिप्पली सिर्फ पाचन ही नहीं, बल्कि वज़न कम करने में भी आपकी मदद कर सकती है। इसमें कुछ ऐसे एक्टिव कंपाउंड्स होते हैं जो शरीर के मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को तेज़ करते हैं, जिससे वसा (फैट) जलने की प्रक्रिया बेहतर होती है। अगर आप नियमित व्यायाम के साथ पिप्पली का सेवन करें, तो आपका वज़न तेज़ी से घट सकता है।

  3. शरीर में इन्फ्लेमेशन और दर्द से राहत:
    अक्सर जोड़ों में दर्द, गठिया या शरीर में किसी तरह की सूजन महसूस होती है? पिप्पली में शक्तिशाली सूजन-रोधी (एंटी-इन्फ्लेमेटरी) गुण होते हैं। यह शरीर की अंदरूनी सूजन को कम करने में सहायक होती है, जिससे दर्द से राहत मिलती है और शरीर की अकड़न कम होती है। यह दर्दनाशक गुणों से भी भरपूर है।

  4. सांस से जुड़ी समस्याओं का समाधान (श्वसन संबंधी विकार):
    अगर आप अस्थमा, खांसी, सर्दी, जुकाम या ब्रोन्काइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, तो पिप्पली आपके लिए बेहद असरदार हो सकती है। यह फेफड़ों की रुकावट को दूर करने, बलगम को पतला करने और श्वसन मार्ग को साफ करने में मदद करती है। आयुर्वेद में इसे कफनाशक माना गया है, जो सांस लेने में हो रही तकलीफ़ को कम करती है।

  5. प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को मज़बूत बनाए:
    कमज़ोर इम्यून सिस्टम हमें जल्दी बीमार कर देता है। पिप्पली एक अद्भुत इम्यूनिटी बूस्टर है। यह शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाती है, जिससे आप रोगों और संक्रमणों से बेहतर तरीके से लड़ पाते हैं। इसका नियमित सेवन आपको सर्दी-जुकाम और मौसमी बीमारियों से बचाता है।

कैसे करें सेवन?
पिप्पली को आमतौर पर पाउडर के रूप में शहद या घी के साथ लिया जाता है, या इसका काढ़ा बनाया जाता है। हमेशा थोड़ी मात्रा में ही सेवन करें और इसे शुरू करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें, क्योंकि यह गर्म प्रकृति की होती है। प्रकृति के इस छोटे से उपहार से आप अपनी सेहत को बड़ी मजबूती दे सकते हैं!

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