आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं. जो दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन का बड़ा नेता हुआ करता था.
लेकिन इसके बारे में एक बात प्रचलित है कि उसने अपने जीवन में अपने दांतों पर कभी ब्रश नहीं किया. यही नहीं उसे नहाने से भी एलर्जी थी वह नहाना भी पसंद नहीं करता था. इस नेता का नाम था माओत्से तुंग, उन्हें माओ जेडॉन्ग के नाम से भी जाना जाता है. माओ के डाक्टर रह चुके ‘जी शी ली’ ने उनके जीवन पर एक किताब लिखी है, जिसका नाम ‘द प्राइवेट लाइफ ऑफ चेयरमेन माओ’ है. इसमें उन्होंने माओ के जीवन के बारे में कई खुलासे किए हैं.
किताब के मुताबिक, ‘माओ जब सुबह सोकर उठते थे, तो ब्रश भी नहीं करते थे. वह ब्रश करने के बजाए अपने दांतों को साफ करने के लिए चाय का कुल्ला किया करते थे. इसीलिए उनके दांत गहरे रंग के हो गए थे. इसके अलावा माओ नहाने से भी परहेज करते थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्हें नहाने से नफरत थी. माओत्से तुंग सोने और उठने के मामले में दुनिया से बिल्कुल अलग थे. कहा जाता है कि उनका दिन रात में शुरु होता था. क्योंकि वह अक्सर रात में ही काम किया करते थे. और जब लोग सुबह जागते थे तब वह आराम से सो रहे होते थे.
उनके बारे में एक बात और जो सबसे ज्यादा मशहूर है, वो ये कि माओ हमेशा अपने ही पलंग पर सोते थे, क्योंकि उन्हें किसी और बिस्तर पर नींद ही नहीं आती थी. यहां तक कि जब वो विदेश यात्रा पर जाते थे, तब भी उनका पलंग हमेशा उनके साथ जाता था. बता दें कि माओ का जन्म 26 दिसंबर, 1893 को हुनान प्रांत के शाओशान कस्बे में हुआ था. वह एक समय दुनिया के सबसे प्रभावशाली शख्स बन गए थे. टाइम मैग्जीन ने उन्हें 20वीं सदी के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था.
चीन के लोग उन्हें एक महान प्रशासक मानते हैं. हालांकि माओ की एक गलती ने करोड़ों लोगों की जान ले ली. साल 1958 में माओ ने एक अभियान शुरू किया, जिसे ‘फोर पेस्ट कैंपेन’ नाम दिया गया. जिसके तहत मच्छर, मक्खी, चूहा और गौरैया चिड़िया को मारने का आदेश दिया था. लेकिन ये दांव उल्टा पड़ गया और चीन में भयानक अकाल पड़ गया. लोग भूखमरी का शिकार होने लगे जिसमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.