गुरुवार के उपाय: हिंदू धर्म में पुराण, ज्योतिष शास्त्र, वास्तु, हस्तरेखा जैसे कई शास्त्र हैं। इन शास्त्रों में प्रत्येक वस्तु के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। शास्त्रों के अनुसार पूजा में शंख का विशेष महत्व होता है। देवी लक्ष्मी को प्रिय शंख की विधिपूर्वक पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। शास्त्रों के अनुसार शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। शंख को देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है। इसलिए देवरी में शंख की स्थापना को पवित्र माना जाता है। गुरुवार के दिन इस शंख पर केसर का तिलक लगाने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होने के बाद कार्य शीघ्र प्रारंभ होता है। आइए जानते हैं कि गुरुवार के दिन शंख की विधि-विधान से पूजा कैसे करनी चाहिए और शंख का प्रयोग कैसे करना चाहिए।
- बृहस्पति के लिए – भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए शंख में केसर का तिलक लगाना चाहिए। साथ ही विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। इससे कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है। यह व्यक्ति के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।
- शुक्र के लिए – शुक्र को मजबूत करने के लिए शंख को सफेद कपड़े में रखना चाहिए। इससे शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
- बुध के लिए – शालिग्राम का अभिषेक बुधवार के दिन शंख में तुलसी और जल डालकर करना चाहिए। इससे बुध ग्रह मजबूत होता है।
- चंद्र ग्रह के लिए – कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने के लिए एक शंख में दूध भरकर शिवजी का अभिषेक करें। इससे कुंडली में चंद्र दोष दूर होता है।
- मंगल ग्रह के लिए – मंगलवार के दिन शंख बजाएं और सुंदरकांड का पाठ करें। इससे मंगल की स्थिति मजबूत होती है।
- सूर्य ग्रह के लिए – रविवार के दिन शंख में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को नई ऊर्जा प्राप्त होती है।
विभिन्न प्रकार के शंख- लक्ष्मी शंख, गोमुखी शंख, कामधेनु शंख, विष्णु शंख, देव शंख, चक्र शंख, पौंड शंख, सुघोष शंख, गरुड़ शंख, मणिपुष्पक शंख, राक्षस शंख, शनि शंख, राहु शंख, केतु शंख, शेषनाग शंख, कच्छ शंख कई प्रकार के होते हैं, गोमुखी शंख, पांचजन्य शंख, अन्नपूर्णा शंख, मोती शंख, हीरा शंख।