नई दिल्ली, 13 मई (हि.स.)। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो के मामले में गिरफ्तार अरुण रेड्डी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने अरुण रेड्डी को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि अरुण रेड्डी से आगे हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है, उसका फोन पहले ही जब्त कर लिया गया है, इसलिए अब उसके पास से कुछ और जब्त नहीं किया जाना है। कोर्ट ने अरुण रेड्डी को जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आरोपित को अपना मोबाइल नंबर एसएचओ को देने और मोबाइल को हमेशा ऑन स्थिति में रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आरोपित को गवाहों को प्रभावित करने और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने 6 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। अरुण रेड्डी को 3 मई को गिरफ्तार किया गया था। अरुण रेड्डी ट्विटर हैंडल ‘स्पिरिट ऑफ कांग्रेस’ को संचालित करता है। अरुण रेड्डी कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल का नेशनल कोऑर्डिनेटर है। पुलिस के मुताबिक अमित शाह के डीपफेक वीडियो बनाने में अरुण रेड्डी की भूमिका है। इस वीडियो को वायरल करने में भी उसकी खासी भूमिका है। अरुण रेड्डी पर मोबाइल से सबूत मिटाने का भी आरोप है। दिल्ली पुलिस ने रेड्डी का फोन जब्त कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है।
दरअसल, अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को हटाने की बात कही थी। अमित शाह ने इसका खंडन करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा था। उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने तेलंगाना कांग्रेस के पांच सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। पांचों को हैदराबाद के ट्रायल कोर्ट ने दस-दस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी और उन्हें अगले आदेश तक जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया था।