किशनगंज,25 सितम्बर(हि.स.)। जिले में क्लब फुट नामक जन्मजात विकार से पीड़ित दो बच्चों आरफा एवं अकरम रेजा को उपचार के लिए भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) भेजा गया है। क्लब फुट एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चों के पैर जन्म से ही अंदर और नीचे की ओर मुड़े होते हैं, जिससे वे सामान्य रूप से चलने-फिरने में असमर्थ होते हैं।
क्लब फुट, जिसे टैलिप्स भी कहा जाता है, एक जन्मजात विकार है। जिसमें बच्चे के पैर अंदर और नीचे की ओर मुड़े हुए होते हैं। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता, तो यह विकलांगता का कारण बन सकता है। जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत काम कर रहे डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) ने इन बच्चों की पहचान की और इनके इलाज की व्यवस्था की। आरबीएसके का मुख्य उद्देश्य 0 से 18 साल तक के बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करना और उनका समय पर इलाज कराना है। ठाकुरगंज प्रखंड के एक माह की बच्ची आरफा एवं 12 माह का बच्चा अकरम रेजा की पहचान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा की गई। टीम ने बच्चों के पैरों की स्थिति को गंभीर मानते हुए उन्हें जेएलएनएमसीएच भागलपुर में उपचार के लिए भेजा है, जहां उनका
सदर अस्पताल परिसर से सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार के निर्देश पर बच्चों को तुरंत एम्बुलेंस के माध्यम से भागलपुर भेजा गया। सिविल सर्जन और आरबीएसके की टीम ने सुनिश्चित किया है कि इन बच्चों के परिवारों को इलाज के दौरान किसी भी प्रकार का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। ऑपरेशन के बाद बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी भी की जाएगी, ताकि उनकी पूरी देखभाल हो सके। यह पहल सरकार द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य के लिए किए जा रहे प्रयासों की सफलता को दर्शाती है और प्रभावित परिवारों के लिए राहत की खबर है। ऑपरेशन के बाद भी बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति पर निगरानी रखी जाएगी।आरबीएसके डीआईसी प्रबंधक पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि आरबीएसके का उद्देश्य केवल बीमारियों की पहचान करना ही नहीं, बल्कि जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क इलाज मुहैया कराना भी है। इस मामले में, इन तीन बच्चों के ऑपरेशन के लिए परिवारों को किसी प्रकार की आर्थिक चिंता नहीं करनी पड़ी।