ठंड के मौसम में शरीर पर एक, दो नहीं, बल्कि 4-4 परत के कपड़े पहने जाते हैं। अभी ठंड बहुत है, इसलिए शरीर को गर्म रखने के लिए स्वेटर की जरूरत पड़ती है, नहीं तो ठंड से कांपने वाला व्यक्ति ठंड की कगार पर पहुंच सकता है.

ठंड के मौसम में शरीर पर एक, दो नहीं, बल्कि 4-4 परत के कपड़े पहने जाते हैं।

अभी ठंड बहुत है, इसलिए शरीर को गर्म रखने के लिए स्वेटर पहनना पड़ता है, नहीं तो ठंड से कांपने वाला व्यक्ति बर्फ बनने की कगार पर हो सकता है।

कभी-कभी इतनी ठंड होती है कि हम सोते हुए भी स्वेटर पहनकर कंबल में छिप जाते हैं।

ऐसे में आपने अक्सर अपने घर के बड़े-बुजुर्गों को यह कहते सुना होगा कि स्वेटर पहनकर सोना अच्छी बात नहीं है।

जी हां, यह बात बिल्कुल सच है कि हमें स्वेटर पहनकर नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

ऊनी कपड़े बनाने में ज्यादातर सिंथेटिक प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है, इसलिए ऊनी कपड़े पहनकर सोने से स्किन एलर्जी हो सकती है।

रूखी त्वचा के कारण सर्दियों में त्वचा में खुजली होना एक आम समस्या है, लेकिन लगातार स्वेटर पहनकर सोने से यह समस्या बढ़ सकती है।

गर्म कपड़े ऑक्सीजन को ब्लॉक कर देते हैं, इसलिए भारी कपड़े पहनने से कई बार घुटन महसूस होती है। इससे घुटन और पैनिक अटैक जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

ऐसे में अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो आपको उन कपड़ों को पहनकर नहीं सोना चाहिए।

लंबे समय तक मोटे और ऊनी कपड़े पहनने से शरीर की ठंड सहन करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में अगर आप कम गर्म कपड़े पहनकर बाहर जाते हैं तो आपको ठंड आसानी से लग सकती है।

जानकारों के मुताबिक रात को ऊनी कपड़े पहनकर सोने से भी बीपी लो हो सकता है, जिससे अत्यधिक पसीना भी अचानक निकल सकता है।

अच्छी नींद के लिए आरामदायक कपड़े पहनकर सोना चाहिए। अगर आप मोटे ऊनी कपड़े पहनकर सोएंगे तो आप पूरी रात ठीक से सो नहीं पाएंगे और अगली सुबह आप बिल्कुल सुस्त, बेकार और बेचैन रहेंगे।