बिस्नोई गैंग के निशाने पर मुनव्वर फारुकी : पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. वही गैंग जो काफी समय से सलमान खान के पीछे पड़ा हुआ है. ऐसे में पुलिस उनसे लगातार पूछताछ कर रही है और इस मामले में दो गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं. अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई से भी पूछताछ की जाएगी. ऐसे में एक तरफ जहां इस मामले के बाद सलमान खान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और उनके घर के बाहर लगातार सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. अब खबर आ रही है कि मुंबई पुलिस मशहूर कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुरक्षा मुहैया कराने जा रही है। आइए जानें क्या है पूरा मामला.
क्या मुनव्वर लॉरेंस को निशाना बना रहा है?
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पुलिस काफी सतर्क हो गई है और लगातार उसकी हर तरह से जांच कर रही है और अब जानकारी के मुताबिक दिल्ली में मुनव्वर का पीछा करने वाले लोग लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लोग थे. ऐसे में मुनव्वर को दिल्ली में क्यों खदेड़ा गया? अगर मुनवर लॉरेंस का निशाना है तो क्यों? इसके पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है. इससे पहले भी पुलिस ने सलमान खान की सुरक्षा बढ़ा दी है.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग , हिंदुओं का मजाक उड़ाने से दुखी
मुनवर को बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद क्यों दौड़ाया गया ? अगर मुनवर लॉरेंस का निशाना है तो क्यों? इसके पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है. ऐसे में मुंबई पुलिस के मुताबिक दावा किया जा रहा है कि मुनव्वर ने कई शो में हिंदी देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया था और इस बात से लॉरेंस बिश्नोई गैंग खुश नहीं है. आपको बता दें कि इस मामले में कॉमेडियन को जेल भी जाना पड़ा था. ऐसे में अगर ये सच है तो ये मुनव्वर के लिए चिंता की बात है.
13 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी को बांद्रा ईस्ट में गोली मारने
के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने जिम्मेदारी ली और कहा, “सलमान खान, हम यह युद्ध नहीं चाहते हैं। पोस्ट में यह भी लिखा है, ‘हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन जो भी सलमान खान और दाऊद इब्राहिम की मदद करता है, उसे अपना अकाउंट ठीक रखना चाहिए।’ बाबा सिद्दीकी की शूटिंग मुंबई के बांद्रा ईस्ट में हुई थी. वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर थे. उन पर तीन गोलियां चलाई गईं. जिसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.