
सरकार की कमाई का ताजा हिसाब आ गया है, और यह कुछ मिली-जुली लेकिन ज्यादातर अच्छी तस्वीर पेश कर रहा है। आंकड़े दिखाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर है और लोग ईमानदारी से टैक्स चुका रहे हैं, लेकिन एक आंकड़ा ऐसा है जो थोड़ा चौंका सकता है। चलिए, इस पूरे गणित को आसान भाषा में समझते हैं।
पहली खुशखबरी: सरकार की कुल कमाई (Gross Collection) में जोरदार उछाल
सबसे पहले अच्छी खबर। सरकार की कुल डायरेक्ट टैक्स कमाई (यानी बिना किसी कटौती के कुल आमदनी) में पिछले साल के मुकाबले 23.33% की शानदार बढ़ोतरी हुई है। यह दिखाता है कि देश में आर्थिक गतिविधियां तेज हैं।
दूसरी खुशखबरी: कंपनियों का सरकार पर भरोसा कायम
कंपनियों और नौकरीपेशा लोगों द्वारा समय से पहले जमा किया जाने वाला ‘एडवांस टैक्स’ भी करीब 4% बढ़ा है। जब कंपनियां एडवांस में ज्यादा टैक्स जमा करती हैं, तो इसका मतलब होता है कि वे भविष्य में अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर रही हैं। यह अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत पॉजिटिव संकेत है।
अब वो पेंच, जिसने बदला पूरा खेल: ‘रिफंड’
तो फिर नेट टैक्स कलेक्शन (यानी रिफंड काटने के बाद बची हुई शुद्ध कमाई) में करीब 1.39% की गिरावट क्यों दिख रही है?
इसका जवाब है- टैक्स रिफंड!
सरकार ने इस बार टैक्सपेयर्स को पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना (96% ज्यादा) पैसा रिफंड के तौर पर वापस किया है। इसका मतलब है कि टैक्स विभाग अब पहले से कहीं ज्यादा तेजी से काम कर रहा है और लोगों का पैसा उन्हें जल्दी लौटा रहा है।
साधारण गणित:
कुल कमाई (Gross) – वापस किया गया रिफंड = शुद्ध कमाई (Net)
चूंकि इस बार सरकार ने बहुत ज्यादा पैसा रिफंड किया है, इसलिए कुल कमाई बढ़ने के बावजूद, नेट कमाई थोड़ी सी कम दिख रही है।