1947 में भारत को आजादी मिली. इसके बाद 1950 में देश गणतंत्र बन गया। तब देश में पहली बार 1952 में आम चुनाव कराने का निर्णय लिया गया। समय अलग था और चुनाव प्रचार के तरीके भी अलग थे। उस समय राजनीतिक दलों के पास न तो ज्यादा पैसा था और न ही कोई विशेष संसाधन। इसलिए सभी राजनीतिक दल कांग्रेस को लेकर बहुत सीमित प्रचार कर रहे थे. लेकिन एक पार्टी ऐसी भी थी जो भारत से नहीं बल्कि विदेश से प्रचार करती थी और वो भी विदेशी रेडियो स्टेशन से.
पहली बार इस तरह से चुनाव प्रचार किया गया
भारत के पहले आम चुनाव में चुनाव प्रचार के तरीके बेहद अलग और अनोखे थे. राजनीतिक दलों द्वारा जगह-जगह दीवारों पर चुनाव प्रचार के नारे लिखे गये। साथ ही कुछ जगहों पर प्रचार के लिए जानवरों की पीठ पर नारे भी लिखे गए. चुनावी पार्टियों के लाउड स्पीकर से इतना शोर हो रहा था कि लोगों को इससे काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। उस समय टीवी या इंटरनेट का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था. इसलिए भारतीय चुनावों में यह माध्यम लंबे समय तक दुनिया से गायब रहा।
सोवियत नेताओं की भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन में गहरी रुचि थी
भारत की आज़ादी से पहले सोवियत संघ की नज़र भी भारत पर टिकी हुई थी। सोवियत संघ में साम्यवादी शासन की स्थापना के बाद वहां की सरकार साम्यवादी आंदोलन को दुनिया भर में फैलाना चाहती थी। इसलिए सोवियत संघ के दिग्गज नेताओं ने भारत में विशेष रुचि ली। इसमें लेनिन और स्टालिन जैसे नेता भी शामिल हैं.
स्टालिन ने मॉस्को रेडियो को निर्देश दिया
भारत में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) का गठन 1925 में हुआ था। यह पार्टी मजदूरों और कामगारों के बीच आधार का काम करने लगी। जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पहले आम चुनाव में मैदान में उतरी तो सोवियत संघ के तत्कालीन प्रमुख स्टालिन इन चुनावों में काफी दिलचस्पी ले रहे थे। उन्होंने मॉस्को रेडियो को निर्देश दिया कि वह इसके माध्यम से सीपीआई का चुनाव अभियान शुरू करके भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की मदद करे।
मॉस्को रेडियो ने चार महीने तक सीपीआई के लिए अभियान चलाया
मॉस्को रेडियो ने अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 तक लगातार अपने केंद्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लिए चुनाव अभियान कार्यक्रम प्रसारित करना शुरू किया। तब यह आम चुनाव चार महीने तक चला था. और मॉस्को रेडियो द्वारा लगातार प्रचार किया गया। उस समय रेडियो ही लोगों के लिए सुनने का एकमात्र माध्यम था। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे पहले आम चुनाव में मॉस्को रेडियो द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रचार किया गया था।