मुंबई: भ्रष्टाचार की मार से शिक्षा विभाग भी नहीं बच पाया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शनिवार को पुणे की एक महिला प्रोफेसर को पीएसडी की थीसिस को मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस महिला प्रोफेसर ने एक शिक्षक की थीसिस को मंजूरी देने के लिए पच्चीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी और 20 हजार रुपये लेने के बाद एसीबी के हत्थे चढ़ने के बाद हड़कंप मच गया है.
इस संबंध में एसीबी सूत्रों के अनुसार आरोपी डाॅ. सेवानिवृत्त शकुंतला माने (59) वर्तमान में पुणे के पास बाबूरावजी घोलेप कॉलेज, सांघवी में अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर हैं। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) 2022 में डॉ. मानेन को 40 वर्षीय पीएचडी विद्वान के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। ये पीएचडी स्कॉलर खुद भी एक शिक्षक हैं.
इस संबंध में एसीबी के जांच अधिकारी डीएसपी पचोरकर ने बताया कि पीएचडी स्कॉलर ने अक्टूबर 2023 में अपनी थीसिस जमा की थी. इस विद्वान ने एसीबी से शिकायत की कि डाॅ. माने ने कथित तौर पर संशोधन के साथ अपनी थीसिस को फिर से जमा करने के लिए रुपये का भुगतान किया। 25 हजार की मांग की गयी. एसीबी ने 26 मार्च को शिकायत का सत्यापन किया और शनिवार को बाबूरावजी घोलप कॉलेज में एचओडी-अर्थशास्त्र विभाग कार्यालय में जाल बिछाया। एसीबी सूत्रों के अनुसार डाॅ. माने को एसीबी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किस्त 20,000 रुपये लेते हुए पकड़ा था. इस संबंध में सांगवी पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार डाॅ. माने के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.