झज्जर, 29 नवंबर (हि.स.)। लगभग 20 दिन से प्रदूषण की मार झेल रहे बहादुरगढ़ क्षेत्र में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। बहादुरगढ़ में अब तक करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपये का जुर्माना बोर्ड वसूल कर चुका है। यह जुर्माना प्रदूषण फैलाने वाले सरकारी विभागों, निजी संस्थाओं और फैक्ट्री पर लगाया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बहादुरगढ़ में ग्रैप की पाबंदियां लगने के बाद दाे करोड़ 50 लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया है। बोर्ड के सहायक पर्यावरण अभियंता अजय कुमार ने शुक्रवार काे बताया कि बहादुरगढ़ क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली 41 फैक्ट्रियों को नवंबर माह में सील किया गया है। इन फैक्ट्रियों में अवैध रूप से प्लास्टिक का दाना बनाने का काम किया जाता था और इसके अलावा कपड़े डाई करने का काम भी होता था।
असिस्टेंट एनवायरमेंटल इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि बहादुरगढ़ में ग्रैप लगने के बाद डीजल जनरेटर इस्तेमाल करने वाले 50 से ज्यादा निजी संस्थाओं के भी चालान काटे गए हैं। इतना ही नहीं 75 से ज्यादा कंस्ट्रक्शन साइटों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से 30 से ज्यादा साइटों को भी भारी भरकम जुर्माना लगाया गया। देश की राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को बहादुरगढ़ में एक्यूआई 287 ऑरेंज जोन में दर्ज किया गया। इसलिए अब सरकारी विभागों को सड़कों पर पहले से चार गुना ज्यादा पानी के छिड़काव की हिदायत जिले के डीसी और प्रदूषण कंट्रोल विभाग ने जारी की है।
बता दें कि बहादुरगढ़ में प्रदूषण का स्तर पराली जलाने से नहीं बल्कि टूटी हुई सड़कों से उड़ने वाली धूल, कंस्ट्रक्शन साइटों से होने वाले प्रदूषण और दिन-रात जहरीला धुआं छोड़ रही विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रियों से हो रहा है। जिसकी वजह से वातावरण में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। जो आम लोगों की परेशानी का सबब बनी हुई है। लोगों की आंखों में जलन, आंखें लाल होना जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। तो वहीं उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत महसूस हो रही है। अधिकारियों का दावा है कि यह कार्रवाई बोर्ड की लगातार जारी रहेगी। गै्रप के नियमों का उल्लंघन करने वाले चाहे सरकारी विभाग या निजी संस्थाएं सभी के खिलाफ लगातार जुर्माना लगाया जा रहा है। साथ ही उनसे वसूली भी हो रही है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रैप का पालन न करने वाले विभागों से जुर्माना वसूल किया है। इनमें नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई), हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी), हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी), नगर परिषद, मार्केट कमेटी और पीडब्ल्यूडी विभाग शामिल हैं।