नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने 28 फरवरी 2025 को सुनवाई करने का आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान अशोक गहलोत कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। अशोक गहलोत की ओर से पेश वकील गौरव ने बताया कि हाई कोर्ट की ओर से ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक 20 फरवरी 2025 तक बढ़ा दी गई है। इसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी 2025 को करने का आदेश दिया।
सेशंस कोर्ट ने 13 दिसंबर को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से अशोक गहलोत को जारी समन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। सेशंस कोर्ट के आदेश के खिलाफ अशोक गहलोत ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां मामला अभी लंबित है।
उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अशोक गहलोत की बरी करने की मांग खारिज कर दिया था। कोर्ट ने 6 जुलाई 2023 को बतौर आरोपित अशोक गहलोत को समन जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने 25 मई 2023 को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट दाखिल की थी। इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है। शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपित नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए।
याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में कहा कि संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने पोस्ट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को। एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। गहलोत ने अपने पोस्ट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए।
याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसायटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की, जिसका न तो वे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य उस सोसायटी में जमाकर्ता है।