जनहित की योजनाओं में एआई के अधिकतम उपयोग के लिए गुजरात सरकार बनाएगी टास्क फोर्स

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गिर साेमनाथ, 23 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य सरकार के 11वें चिंतन शिविर का शनिवार को समापन करते हुए राज्य में टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग से प्रशासनिक सुधार एवं जन हितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक गति व पारदर्शिता लाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टास्क फोर्स का गठन करने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चिंतन शिविर के स्थायी लोगों का डिजिटल अनावरण भी किया।

सोमनाथ महादेव के सान्निध्य में आयोजित 11वें चिंतन शिविर के तीसरे व अंतिम दिन समापन समारोह में पटेल ने कहा कि टेक्नोलॉजी के उपयोग से लोक कल्याणकारी योजनाओं के दायरे के विस्तार से 100 प्रतिशत लाभार्थियों को शामिल करते हुए सेचुरेशन का दृष्टिकोण अपनाने के लिए गुजरात एआई के उपयोग से सर्वग्राही रूप से साकार करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने चिंतन शिविर के समापन सत्र में वरिष्ठ सचिवों, जिला कलेक्टरों तथा जिला विकास अधिकारियों (डीडीओ) को कहा कि कुपोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर व रोजगार एवं जन शिकायत निवारण के क्षेत्र में एआई का उपयोग सघन बनाना है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। वह टास्क फोर्स एक माह में अपनी जो सिफारिशें देगा, उसके आधार पर एआई तथा डाटा एनालिसिस से सस्टेनेबल डेवलपमेंट राज्य सरकार का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटल ने कहा कि सरकारी प्रशासन को ऐसी प्रभावशाली भूमिका निभानी चाहिए कि गलत करने वालों के मन में प्रशासन का भय रहे। उन्होंने यह भी कहा कि बोनाफाइड इंटेंशन से हुई भूलें चलाई जा सकती हैं, परंतु मालाफाइड इंटेशन को किसी भी मूल्य पर नहीं चलाया जाएगा। उन्होंने कर्मयोग के छह सिद्धांतों को जीवन में उतार कर कर्मचारी से कर्मयोगी बन कर कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्हाेंने कहा कि ये सिद्धांत एक-दूसरे के साथ परस्पर इस तरह जुड़े हुए हैं कि किसी एक सिद्धांत को यदि व्यक्तिगत जीवन में उतारें, तो उसका प्रभाव समग्रतः व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर प्रभावशाली ढंग से पड़ेगा ही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर में जो समूह चर्चा सत्र आयोजित हुए, उनमें रोजगार के अवसर सृजित करने, ग्रामीण क्षेत्र में आय वृद्धि करने, सरकारी सेवाओं में संतृप्ति, पर्यटन विकास में जिला प्रशासन एवं स्थानीय निकायों के योगदान जैसे चार महत्वपूर्ण मुद्दों पर चिंतन हुआ है। मुख्यमंत्री ने इनकी सिफारिशों को जिला स्तर पर तेजी से लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने इस संदर्भ में विशेष आग्रह किया कि हर जिला कलेक्टर तथा जिला विकास अधिकारी अपने जिले में इन सिफारिशों के आधार पर तीन प्रोजेक्ट सुनिश्चित कर उन पर तेजी से कार्यवाही करें तथा समय-समय पर उनकी प्रगति की समीक्षा भी करते रहें और विकास से जुड़े किसी भी कार्य में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ही आगे बढ़ें। भूपेंद्र पटेल ने जिला प्रशासनकर्ताओं को सुझाव दिया कि ग्रामीण स्तर से लेकर राज्य सरकार तक की कड़ी में जिला प्रशासन की भूमिका कुंजी रूपी है। ऐसे में ग्रामीण स्तर तथा सरकार के बीच किसी भी प्रकार का गैप न रह जाए, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के प्रशासनिक कामकाज या विभिन्न प्रक्रियाओं में कहीं अर्थघटना की समस्या या समझ में कोई भ्रम की समस्या होती हो, तब उसका सामूहिक चिंतन कर ऐसी समस्याओं को हल करने की दिशा में ये चिंतन शिविर दिशादर्शक बने हैं।

राज्य स्तरीय 11वें चिंतन शिविर की आभार विधि करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव कमल दयानी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों, वरिष्ठ सचिवों, जिला कलेक्टरों तथा डीडीओ का विभिन्न विषयों पर समूह चर्चा में सक्रियता से सहभागी होने और उपयोगी सिफारिशें देने पर आभार व्यक्त किया। उन्हाेंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों के बीच तथा जिला स्तर पर अलग-अलग कार्यालयों के बीच उचित समन्वय व सहयोग से श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे। उन्होंने शिविर के माध्यम से प्राप्त नए दृष्टिकोण तथा नए विचारों को आत्मसात कर आगे बढ़ने के लिए भी कहा। उन्होंने चिंतन शिविर के समग्र आयोजन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव हारित शुक्ल तथा गीर सोमनाथ जिला कलेक्टर एवं समग्र जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। चिंतन शिविर के समापन समारोह में वित्त एवं ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई सहित मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्यमंत्री के प्रधान मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया, मुख्य सचिव राज कुमार, राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, जिला कलेक्टर एवं जिला विकास अधिकारी उपस्थित रहे।