हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए अच्छी खबर है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली और इंपीरियल कॉलेज, लंदन के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एक एकल कॉम्बो गोली, दो रक्तचाप कम करने वाली दवाओं का संयोजन, रक्तचाप को कम कर सकती है और इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकती है। ला सकते हैं
इस अध्ययन को ‘भारत में सिंगल-पिल कॉम्बिनेशन के साथ ब्लड प्रेशर के लिए उपचार अनुकूलन’ (टॉपस्पिन) कहा जाता है। इसमें 1,981 प्रतिभागी शामिल थे, जिनकी औसत आयु 52.1 वर्ष थी। अध्ययन में शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी के लोगों को शामिल किया गया, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक और विविध परिणाम सामने आए।
किन दवाओं का परीक्षण किया गया?
अध्ययन में तीन प्रकार की दो-दवा संयोजन गोलियों का परीक्षण किया गया:
* एम्लोडिपिन + पेरिंडोप्रिल
* एम्लोडिपिन + इंडैपामाइड
* पेरिंडोप्रिल + इंडैपामाइड
सभी तीन दवाओं में लगभग 14/8 मिमी एचजी (एम्बुलेटरी बीपी) और 30/14 मिमी एचजी की कमी देखी गई ( ऑफिस बीपी) था 70% प्रतिभागियों का बीपी <140/90 मिमी एचजी तक नियंत्रित किया जा सका।
पांच गुना ज्यादा असरदार
एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर अंबुज रॉय के मुताबिक, यह एक गोली मौजूदा दवाओं से पांच गुना ज्यादा असरदार है। उन्होंने कहा कि दोनों दवाओं का संयोजन न केवल सुरक्षित है, बल्कि अधिक प्रभावी भी है। इसे छोटी खुराक में दिया जाता है, जिससे नुकसान कम होता है।
भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
भारत में 30 करोड़ से अधिक लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, और यह अध्ययन दक्षिण एशियाई आबादी के लिए दवा चयन में एक रोडमैप प्रदान करता है। सिंगल पिल थेरेपी का यह मॉडल न केवल सुविधाजनक है, बल्कि भारत जैसे देश में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है।