चक्रवात दाना समाचार: बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के चक्रवात में बदलने और इसके खतरे को देखते हुए बंगाल सरकार ने एहतियात के तौर पर 23 से 26 अक्टूबर तक राज्य के नौ जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का फैसला किया है। चक्रवात दाना को लेकर मंगलवार शाम राज्य सचिवालय नवान्न में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह घोषणा की।
राष्ट्रपति का निर्धारित दौरा भी रद्द
वहीं, चक्रवात को लेकर ओडिशा में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही राष्ट्रपति का निर्धारित दौरा भी रद्द कर दिया गया है। ओडिशा में सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। ODRAF की 17 टीमें तैनात की गई हैं। पर्यटकों को 24 और 25 अक्टूबर को पुरी की यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
स्कूल और कॉलेज चार दिन के लिए बंद
सीएम ममता ने कहा कि राज्य प्रशासन चक्रवात दाना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। इसलिए एहतियात के तौर पर तटीय और आसपास के नौ जिलों के सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार से शनिवार तक बंद रहेंगे।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई। इसमें जिन नौ जिलों का जिक्र किया गया है, उनमें उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, बांकुरा, हुगली, हावड़ा और कोलकाता शामिल हैं। इन जिलों में 23 से 26 अक्टूबर तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।
इस चक्रवात को ‘दाना’ नाम दिया गया है। इसके प्रभाव से 23 से 25 अक्टूबर के दौरान दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है।
ममता ने कहा कि चक्रवात से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है। राज्य और जिला स्तर पर एकीकृत नियंत्रण कक्ष शुरू किए गए हैं, जो चौबीसों घंटे काम करेंगे।
बुधवार से मछुआरों के समुद्र में जाने पर प्रतिबंध
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। बुधवार से इस पर पूरी तरह से रोक रहेगी। तटीय इलाकों में लगातार माइकिंग कर लोगों को सतर्क भी किया जा रहा है। ममता ने कहा कि चक्रवात से दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही पड़ोसी जिले भी प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होगी। सभी डीएम-एसपी को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्देश दिया गया है।
प्रशासन पूरी तरह सतर्क
सीएम ममता ने कहा कि राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ और एनडीआरएफ) को भी तैनात किया गया है। तटीय जिलों में नौका सेवाएं भी बुधवार से स्थिति सामान्य होने तक निलंबित रहेंगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने तटीय इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही को नियंत्रित करने का भी आदेश दिया है। ममता ने कहा कि संबंधित जिलों में पर्याप्त राहत सामग्री की भी व्यवस्था की गई है। राज्य और जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
विभिन्न विभागों के सचिवों को दी गई विशेष जिम्मेदारी
सीएम ममता ने कहा कि विभिन्न विभागों के प्रधान सचिवों को आपदा की स्थिति पर नजर रखने की विशेष जिम्मेदारी दी गई है। वे उन नौ जिलों पर नजर रखेंगे जहां सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका है। इनमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीष जैन को दक्षिण 24 परगना, राजेश सिन्हा को उत्तर 24 परगना, राजेश पांडे को हावड़ा, सुरेंद्र गुप्ता को पश्चिम मेदिनीपुर, ओंकार सिंह मीना को हुगली, परवेज अहमद सिद्दीकी को पूर्व मेदिनीपुर, सौमित्र मोहन को झाड़ग्राम और अवनींद्र शील को बांकुड़ा जिले का प्रभारी बनाया गया है।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक भी 24 को
ममता ने कहा कि 24 अक्टूबर को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक भी होगी। उन्होंने चक्रवात के मद्देनजर तटीय या दूरदराज के जिलों के मंत्रियों से इस बैठक में नहीं आने को कहा। इसके बजाय उन्होंने संबंधित मंत्रियों को चक्रवात के दौरान अपने क्षेत्रों और जिलों में रहने और लोगों की मदद करने का निर्देश दिया।