पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार: घर स्‍वीकृत करने 10 हजार की मांग कर रहे सचिव और सरंपच

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उमरिया, 25 सितंबर (हि.स.)। जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र में भ्रष्टाचार सर चढ़ कर बोल रहा है, यहां किसी को किसी का डर नही है। सरकारी महकमों में पैसों की भूख इतनी बढ़ गई है कि बीड़ी बनाकर और बांस के बर्तन बना कर अपना जीवन यापन करने वाली महिलाओं से भी प्रधानमंत्री आवास के नाम पर 10-10 हजार रुपये लेने के बाद और पैसों की मांग करना और उनसे अपशब्द कहने जैसी बातों ने उस वक्त पंचायत भवन में खलबली मचा दी, जब ग्राम सभा में सचिव के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया और हंगामा कर दिया। दरअसल पंचायत भवन में प्रधानमंत्री आवास को लेकर सभा होनी थी, लेकिन पीएम आवास में पैसा को लेकर आवास आवंटित करने का मामला गहमा गहमी तक पहुंच गया, यहां तक कि सरपंच और अन्य सदस्यों को पंचायत भवन छोड़कर भागना भी पड़ गया ।

मामला है उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत अमरपुर का जहां पीएम आवास योजना में पात्र हितग्राहियों का नाम जोड़ने को लेकर सभा बुलाई गई थी, जहां सचिव द्वारा हर आवंटित आवास पर 15 हजार रुपए की मांग करने को लेकर महिलाओं ने हंगामा कर दिया, कोई किराए के कमरे रह रहा है तो कोई झोपड़ी बनाकर अपना गुजारा कर रहा है। आमसभा में पहुंचे ग्राम के 2 सौ ग्रामीणों ने पूरा भवन घेर लिया था और आवास के बदले पैसे मांगने पर कड़ी आपत्ति जताई।

ग्राम पंचायत अमरपुर निवासी मदीना ने बताया कि सचिव हमसे 10 हजार रुपये भी ले लिया और आवास लिस्ट से नाम काट दिया, वहीं हमको लाडली बहना योजना का भी पैसा नही मिलता है और हम झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी महिला शकुंतला का कहना है कि हमारे पास रहने को घर नही है, दो वर्षों से घर गिरा हुआ है हम बांस के बर्तन बना कर अपने बच्चों को पालते हैं हमसे सचिव ने 10 हजार रुपया ले लिया और अब 5 हजार और मांग रहा है तो हम गरीब कहाँ से दें, हम उसको दें या अपने बच्चों को पालें।

इस मामले में सी ई ओ जिला पंचायत अभय सिंह ओहरिया ने सारे आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो जांच कराई जाएगी और ऐसा नही हो सकता है पोर्टल बना हुआ है, सब कुछ पारदर्शी है और उसकी जांच होती है, जांच के बाद पोर्टल में पैसा डाला जाता है।

गौरतलब है कि जिस क्षेत्र में देखें हर तरफ ऑनलाइन कार्य होता है, लेकिन वैरिफिकेशन तो मैनुअल ही होता है और वहीं पर सारा लेनदेन होता है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण आए दिन लोकायुक्त की कार्रवाई में देखने को मिल रहा है।