भारत बंद का धमतरी जिले में दिखा असर

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धमतरी, 21 अगस्त (हि.स.)। एसटी-एससी के आरक्षण में उप-वर्गीकरण के निर्देश को लेकर एसटी-एससी वर्ग के लोगों में आक्रोश है।

21 अगस्त को समाज से जुड़े कई समाजों ने घूम-घूमकर दुकानों को बंद कराया। वहीं आवश्यक सेवाओं को छोड़कर स्कूल,कालेजों को भी बंद कराया गया। धमतरी शहर में बंद का असर दिखा। वहीं बंद को समाज से जुड़े शासकीय कर्मचारियों ने समर्थन दिया। एक दिन का अवकाश लेकर आंदोलन में शामिल हुए। बंद को सफल बनाने के लिए पांच टीम बनाई गई थी। इसका नेतृत्व अलग-अलग समाजों ने किया।

बंद कराने सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग जिलाध्यक्ष खिलेन्द्र पडोटी, सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष जीवराखन मरई, कार्यकारी अध्यक्ष महेश रावटे, बौध्द समाज के प्रमुख पालनहार मेश्राम, कमलनारायण ध्रुव, तिजेन्द्र कुंजाम, सतनामी समाज प्रमुख रमेश लहरे, जिलाध्यक्ष कपिल देशलहरे, गोड़ समाज संरक्षक शिवचरण नेताम, वाल्मिकी समाज के संजय डागौर, बौध्द समाज चन्द्रभान मेश्राम,आशीष रात्रे,विकास लहरे समेत कई समाजजन बंद कराने में लगे रहे।

आरक्षण मामले को लेकर नगरी बंद रहा

इसी तरह से आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में नगरी रहा। आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर नगरी के एसटीएससी समाज के लोगों ने नगर बंद करवाया। बजरंग चौक पर विशाल सभा का आयोजन किया गया। यात्री वाहन नहीं चली। दुकान बंद रही।

आरक्षण में कटौती को लेकर नगरी बंद कराने निकले आदिवासी युवा

एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 21 अगस्त बुधवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों ने भारत बंद का आव्हान किया था। इसके तहत नगरी में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के युवा नगरी बंद कराने निकले। गट्टासिल्ली क्षेत्र के गट्टासिल्ली, सराईटोला, तालपारा,जोराडबरी, बांधा, गुहाननाला, कुम्हड़ा कोट,करैहा,सारंगपुरी, आमदी,खैरभर्री, गोंदलानाला में भारत बंद का असर देखने को मिला। गांवों के लोग जरुरी कामों से गांव से बाहर निकले। कई लोग घर से बाहर भी नहीं निकले।