सनातन धर्म में सभी पेड़-पौधों का महत्व है। अगर इसे सही दिशा में लगाया जाए तो शुभ परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं। कई बार हम बालकनी में सारे पौधे तो लगा लेते हैं, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं देते कि कौन से पौधे एक साथ रखने से शुभ परिणाम मिल सकते हैं। इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है. कई लोग शमी के पौधे के साथ एलोवेरा भी लगाते हैं। जिसे वास्तु और ज्योतिष के आधार पर शुभ माना जाता है या नहीं। इसके बारे में विस्तार से जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से।
शमी के पौधे का महत्व
शमी के पौधे को शनिदेव और सूर्यदेव का प्रतीक माना जाता है। शमी के पत्तों को घर के मुख्य द्वार पर लटकाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह घर में सुख और समृद्धि लाता है और शमी का पेड़ शनि और राहु के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में मदद करता है। शमी का पौधा पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शमी का पौधा घर में लगाने से सौभाग्य बढ़ता है और जीवन में चल रही समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
एलोवेरा पौधे का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में एलोवेरा को बुध ग्रह का प्रतीक माना जाता है। बुध बुद्धि, ज्ञान और व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। एलोवेरा का संबंध शुक्र ग्रह से भी है। आपको बता दें कि शुक्र ग्रह को सुंदरता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि एलोवेरा व्यवसाय में सफलता और समृद्धि लाता है। एलोवेरा शादी और रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इतना ही नहीं एलोवेरा मानसिक शांति के लिए भी बहुत शुभ होता है।
क्या शमी के साथ एलोवेरा का पौधा लगाया जा सकता है?
शनि, बुध और शुक्र ग्रह के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए शमी और एलोवेरा का पौधा एक साथ लगाना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि दोनों पौधे सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं। शमी का पौधा शनि के माध्यम से करियर में सफलता और समृद्धि ला सकता है। साथ ही एलोवेरा बुध और शुक्र ग्रह के माध्यम से व्यापार और व्यवसाय में सफलता दिलाता है।
दोनों ही पौधे मानसिक शांति के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। इसलिए शमी के साथ एलोवेरा का पौधा भी लगाया जा सकता है। यह व्यक्ति के लिए सौभाग्य ला सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार के दाहिनी ओर शमी का पौधा और बायीं ओर एलोवेरा का पौधा लगाना शुभ माना जाता है।