मोती रत्न: ज्योतिष शास्त्र में मोती रत्न को विशेष महत्व दिया गया है। रत्न व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों को मजबूत करने का काम करता है। लेकिन रत्न धारण करने के भी कुछ नियम होते हैं। किसी भी रत्न को पहनने से पहले उसके शुभ और अशुभ प्रभावों के बारे में जानना जरूरी है। किसी भी रत्न को पहनने से पहले किसी विद्वान से सलाह लेनी चाहिए और उसके बाद ही रत्न धारण करना चाहिए। आइए आज हम आपको रत्न के संबंध में ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।
मोती रत्न अत्यंत शुभ एवं चमत्कारी परिणाम देता है। लेकिन मोती हर किसी के लिए शुभ नहीं होता है। साथ ही इसे पहनने से पहले कुछ नियमों का पालन भी करना चाहिए। अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए तो यह अशुभ परिणाम भी दे सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती का संबंध चंद्रमा से होता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है उन्हें मोती पहनने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा मोती रत्न उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनके मन में नकारात्मक विचार आते हैं।
मोती पहनने के फायदे
– जिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है उन्हें मोती धारण करना चाहिए।
– त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत पाने और मानसिक शांति के लिए मोती रत्न धारण किया जा सकता है।
– मोती रत्न धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और मनोबल मजबूत होता है।
मोती किस राशि के लिए शुभ है?
मोती पहनने के लिए सबसे पहले कुंडली में चंद्रमा की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है। कुछ राशियों के लिए मोती शुभ साबित होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को शुभ फल देता है।
मोती कब और कैसे धारण करें?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार और पूर्णिमा के दिन मोती पहनना शुभ होता है। 7 से 8 रत्ती का मोती पहनना शुभ होता है। मोती को पहनने से पहले 10 मिनट तक गंगाजल या गाय के कच्चे दूध में भिगोकर रखें। फिर ॐ चंद्राय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें और मोती धारण करें। एक बात का ध्यान रखें कि मोती को कभी भी नीलम या गोमेद के साथ न पहनें।